Breaking News

Baby Health Care: नवजात बच्चे को 6 माह से पहले नहीं देना चाहिए ठोस आहार, जानिए इसके पीछे का कारण

नवजात बच्चों को अक्सर 6 महीने बाद ठोस आहार खिलाए जाने की सलाह दी जाती है। लेकिन कई बार दादी-नानी बच्चों को महज 4 महीने की उम्र से चावल को मसलकर या दाल का पानी और फल आदि खिलाना शुरूकर देते हैं। डॉक्टर के अनुसार, बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उन्हें कम उम्र से ठोस पदार्थ खिलाना शुरूकर देना चाहिए। लेकिन डॉक्टर कम से कम 6 माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह देते हैं।
 
ऐसे में पेरेंट्स कंफ्यूज हो जाते हैं कि बच्चों को किस उम्र से ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए। ऐसे में बतौर पेरेंट्स आपके मन भी यह सवाल है, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि 6 माह की उम्र से पहले बच्चे को ठोस आहार देने से क्या होता है।

इसे भी पढ़ें: Health Tips: खाने में सोडियम-पोटेशियम की ज्यादा मात्रा बिगाड़ सकती है आपकी सेहत, जानिए एक्सपर्ट्स की राय

6 महीने से पहले क्यों न खिलाएं ठोस आहार
बता दें कि डॉक्टर 6 माह से कम उम्र वाले बच्चों को ठोस आहार खिलाने से बचने की सलाह देते हैं। क्योंकि 6 माह से कम उम्र के बच्चों को ठोस आहार खिलाने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। क्योंकि इस उम्र के बच्चों का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता है। जिस कारण उन्हें ठोस आहार पचाने में समस्या होती है। इसलिए उन्हें कब्ज, दस्त या पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है। वहीं 6 महीने से कम उम्र के बच्चों को ठोस आहार देने से उनमें एलर्जी का खतरा भी बढ़ जाता है। क्योंकि इस दौरान उनकी इम्यूनिटी विकसित हो रही होती है।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जो बच्चों की इम्यूनिटी पर बुरा असर डाल सकते हैं। साथ ही ठोस आहार खिलाने से फॉर्मूला फीडिंग या स्तनपान करने में समस्या आ सकती है। क्योंकि स्तनपान से बच्चों में पोषक तत्वों की कमी पूरी होती है। इसलिए 6 माह तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध पिलाए जाने की सलाह दी जाती है। इससे बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत होती है और वह स्वस्थ रहते हैं।
कब और कैसे खिलाएं ठोस आहार
जब बच्चा 6 महीने का पूरा हो जाए, तो उसको ठोस आहार खिलाना शुरूकर देना चाहिए। बच्चों की डाइट में आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। ठोस आहार में आप उन्हें आयरन-फोर्टिफाइड अनाज, जैसे- जई, चावल या जौ आदि खिला सकते हैं। इसके अलावा फलों में आप केला, नाशपाती और सेब आदि डाइट में शामिल कर सकते हैं। बता दें कि इस तरह का खाना पचने में आसान होते हैं और इस तरह की डाइट से एलर्जी की भी संभावना कम होती है। बच्चों को खाद्य पदार्थ खिलाने के लिए छोटी मात्रा से शुरूआत करें। फिर धीरे-धीरे यह मात्रा बढ़ाएं। इसके साथ ही बच्चों पर भी नजर रखनी चाहिए कि उनको किसी तरह के एनर्जी के लक्षण तो नहीं हैं।

Loading

Back
Messenger