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क्या सचमुच स्ट्रोक की शुरुआत से सिरदर्द से होती है? जानें इसके लक्षण

स्ट्रोक एक जीवन-घातक आपात स्थिति है जो तब होती है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में ब्लड की आपूर्ति बंद हो जाती है। ऐसा तब होता है जब ब्लड का थक्का मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है। उच्च रक्तचाप स्ट्रोक का प्रमुख कारण है। यदि आपको या आपके आस-पास किसी को स्ट्रोक का अनुभव होता है, तो उसे तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए, स्ट्रोक से जुड़े संकेतों के बारे में जागरूक होना जरूरी है।
स्ट्रोक क्या है?
स्ट्रोक होने पर दिमाग तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंच पाता है। कई बार होता है कि यह स्थिति दिमाग में ब्लीडिंग होने की वजह से भी हो सकती है। इंसान को स्ट्रोक की शुरुआत तेज सिरदर्द से होती है।
स्ट्रोक के लक्षण 
स्ट्रोक जब आता है तो शरीर का एक हिस्सा सुन्न पड़ने लगता है या एक हिस्से में बहुत कमजोरी महसूस होती है। इसके अलावा जुबान लड़खड़ाना, धुंधलापन, चक्कर आना और दूसरों की बातें समझने में परेशानी होने लगती है।
स्ट्रोक के प्रमुख कारण
स्ट्रोक जीवन-घातक मुश्किल स्थिति है,स्ट्रोक का खतरा कई कारणों से बढ़ जाता है। सबसे बड़ा कारण है स्मोकिंग और ड्रिंकिंग की बुरी आदत है। इसके अलावा सारा दिन बैठे रहना या फिजिकल एक्टिविटी की कमी भी ब्रेन स्ट्रोक खतरा काफी बढ़ जाता है। सिरदर्द से पता चलता है स्ट्रोक का पता।
स्ट्रोक के प्रकार
स्ट्रोक के दो मुख्य प्रकार हैं – इस्केमिक और रक्तस्रावी। इस्केमिक स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति को अवरुद्ध करने वाले ब्लड के थक्के के कारण होता है। दूसरी ओर, रक्तस्रावी स्ट्रोक रक्त वाहिका के फटने के कारण होता है। रक्तस्रावी स्ट्रोक की तुलना में इस्केमिक स्ट्रोक बहुत अधिक आम हैं।
स्ट्रोक से इस तरह से बचें
स्ट्रोक से बचाव के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल को सुधारने की बेहद जरुरत है। आपको हेल्दी डाइट के साथ डेली एक्सरसाइज, स्ट्रेस में कमी और अच्छी नींज जरुर लें।

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