हर व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है। व्यक्ति को सेहतमंद बने रहने के लिए तमाम पोषक तत्वों, विटामिन्स और मिनरल्स की जरूरत होती है। वहीं किसी भी चीज की कमी होने पर स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है। विटामिन डी भी ऐसा ही एक जरूरी विटामिन है। यह हमारी सेहत के लिए जरूरी होता है। इस विटामिन की कमी से नींद की कमी, कमजोरी, हड्डियों में दर्द, मसल्स की कमजोर, भूख की कमी, त्वचा का पीला पड़ना या जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने जैसी सेहत संबंधी समस्याएं होती हैं।
शरीर में विटामिन डी की कमी के लक्षणों को पहचानकर इस कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में क्या लक्षण दिखाई देते हैं और शरीर में इसकी कमी को कैसे पूरा किया जा सकता है।
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विटामिन डी की कमी का कारण
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक शरीर में विटामिन डी की कमी होने का पहला कारण यह होता है कि लोग धूप में कम निकलते हैं और अधिकतर समय रूम में बिताते हैं। बता दें कि धूप विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत होता है।
डाइट में विटामिन डी से भरपूर फूड्स न शामिल करने पर भी शरीर में इसकी कमी हो सकती है। जो लोग लो फैट डाइट लेते हैं या जिन लोगों के खाने में विटामिन डी से भरपूर फूड्स शामिल नहीं होते हैं, उनके शरीर में विटामिन डी की कमी पाई जाती है।
विटामिन डी की कमी का तीसरा कारण मालएब्जॉर्पशन भी हो सकता है। जिसका मतलब होता है कि जब व्यक्ति विटामिन डी से भरपूर डाइट तो लेते हैं, लेकिन शरीर इस विटामिन को एब्जॉर्व नहीं कर पाता है। जिसके कारण पेट संबंधी या फिर गैस्ट्रिक सर्जरी वगैरह हो सकती है।
ऐसे पूरी होगी विटामिन डी की कमी
विटामिन डी की कमी
विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए रोजाना कम से कम 10-15 मिनट धूप में बैठना चाहिए। क्योंकि धूप विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत होता है। सुबह 7 बजे से 11 बजे के बीच धूप में बैठना चाहिए। इसके बाद की धूप स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है। वहीं धूप में बैठने से पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें।
इसके साथ ही विटामिन डी से भरपूर फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। आप अपनी डाइट में मैकेरल, साल्मन और टूना के अलावा अंडे का पीला भाग, चीज विटामिन डी फॉर्टिफाइड फूड्स जैसे दूध या ऑरेंज जूस आदि को शामिल कर सकते हैं।
इसके अलावा आप डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चों के लिए हर दिन 400-600 IU और बड़ों के लिए 800-2000 IU होनी चाहिए।