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मोटापा इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2022 में वैश्विक 80 करोड़ लोगों का वजन जरुरत से ज्यादा है। जिनमें से 75% मोटापे के साथ जी रहे थे। यह बीमारी शरीर को कमजोर कर देती है। जो लोग मोटापे के शिकार होते हैं उनको 16 बीमारियों का खतरा रहता है।
टाइप 2 डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर
वजन घटाने के माध्यम से मोटापे से निपटना इन जोखिमों को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वजन घटाना हाई ब्लड प्रेशर और टाइप-2 मधुमेह जैसी संबंधित स्थितियों के प्रबंधन में विशेष रूप से प्रभावी है, ये दोनों मोटापे से उत्पन्न हृदय संबंधी जोखिम को बढ़ाते हैं।” ऐसे लोगों को खाने में नमक और फैट की मात्रा से हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी भी घेर लेती हैं।
स्ट्रोक और मेटबॉलिक सिंड्रोम
जब कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर से दिमाग की नसें ब्लॉक होकर फट जाती है तो इस वजह से ब्रेन स्ट्रोक आ सकता है जो कि लकवा कर देता है। इससे हार्ट डिजीज, डायबिटीज और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं।
कैंसर का खतरा और फैटी लिवर बीमारियां
मोटापे के कारण अत्यधिक फैट लिवर में इकट्ठा होने लगता है तो लिवर फैटी हो जाता है। इस वजह से लिवर डैमेज, सिरोसिस और लिवर फेलियर तक हो जाता है। वहीं अधिक मोटापे से कोलन, रेक्टम, प्रोस्टेट, ब्रेस्ट, यूटेरस और गॉलब्लैडर कैंसर के मामले बढ़ते हैं।
सांस की तकलीफ और ऑस्टियोआर्थराइटिस
मोटापे से फेफड़े डैमेज हो सकते हैं। जिससे ज्यादा वजन वालो लोगों को स्लीप एप्निया और अस्थमा हो सकता है। वहीं अधिक वजन से प्रेशर पड़ने से मोटे लोगों के घुटनों पर बहुत ज्यादा दर्द होता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस होने की संभावना हो जाती है।
इसके अलावा 8 बीमारियां
मोटापे के कारण गाठिया, हार्ट डिजीज, गॉलब्लैडर और पैंक्रियाज की बीमारी, किडनी डिजीज, प्रेगनेंसी में दिक्कते, फर्टिलिटी की परेशानी, यौन समस्याएं और मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स।