कभी चलते चलते तो कभी रात को सोते समय मांसपेशियों में ऐंठन आ जाती है। आमतौर पर ये ऐंठन तब होती है जब दो या उससे अधिक मांसपेशियां आपस में उलझ जाती है। ये मांसपेशियां उलझकर सख्त हो जाती है। इसे नस चढ़ना भी कहा जाता है। वहीं मेडिकल टर्म में इसे अनैच्छिक संकुचन यानी इनवॉलंटियरी कॉन्ट्रैक्शन कहा जाता है। मांसपेशियों की ऐंठन के लिए कई कारण हो सकते है। इन क्रैंप्स के लिए कैल्शियम की कमी भी अहम कारण हो सकती है। वैसे कैल्शियम की कमी के कारण और भी कई समस्याएं हो सकती है।
– इसमें हाथ पैरों में झनझनाहट होना शामिल है। कैल्शियम की कमी होने पर हाथ पैरों में झनझनाहट होने की समस्या हो सकती है। कई मामलों में हाथ या पैर सुन्न भी हो जाते है। जब शरीर में कैल्शियम कम होने लगता है तो इस तरह के संकेत दिखते है।
– अगर दिन भर काम करने के बाद भी रात को सोने में परेशानी का सामना करना पड़ता है तो ये भी कैल्शियम की कमी के कारण हो सकता है। थकान और कमजोरी होने के बाद भी नींद पूरी ना होना इशारा करता है कि शरीर में कैल्शियम की भारी कमी है।
– कैल्शियम दांतों के इनेमल को मजबूती देता है। इनेमल दांतों के बाहर एक कठोर परत होती है, जिससे दांत खराब होने से बचते है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर दांतों में कमजोरी होने लगती है। कैल्शियम की कमी होने पर दांतों के खराब होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है। जब दातों से इनेमल गायब होता है तो सेंसिटिविटी और दर्द भी होता है।
– ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं में होने वाली आम बीमारी है, जिसमें हड्डियां कमजोर होकर टूट जाती है। आमतौर पर महिलाओं को एक उम्र के बाद इस बीमारी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या में प्रैक्चर और हड्डी संबंधित बीमारी होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
– अगर नाखून और बाल काफी आसानी से टूटते हैं तो ये भी इशारा है कि शरीर में कैल्शियम की काफी कमी हो रही है। शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर नाखून और बाल टूटने लगते है। बालों के रूखापन और बेजान होने के लिए भी कैल्शियम ही जिम्मेदार माना जाता है।
रिलीफ के लिए अपनाएं ये उपाय
– जीवनशैली को एक्टिव रखना जरुरी है
– ऐंठन वाली जगह को स्ट्रैच करते रहें
– हाथों या मसाज रोलर से ऐंठन वाली जगह पर मालिश करें
– ऐंठन होने पर बर्फ लगाएं या आईस पैक का उपयोग करें
– ऐंठन से राहत पाने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करें