वैसे तो आजकल की महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी हमारे समाज का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं को हमेशा कमतर आंकता है। हमारे समाज में महिलाओं के सपनों, जज्बातों, इच्छाओं और उम्मीदों के बारे में कम बातें की जाती हैं। वहीं महिलाओं से जुड़ी आम समस्याओं पर बात करने में मुश्किल आती है। तो फिर महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करना काफी मुश्किल ही है। असम में इस बार खुलकर बात होनी चाहिए। लेकिन इसके बाद भी इस बारे में बात नहीं की जाती है।
बता दें कि महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर कई चीजों का असर होता है। जिसके बारे में खुलकर बात करना जरूरी होता है। वहीं महिलाएं भी अपनी सेक्सुअल हेल्थ से जुड़ी बातों से अंजान होती है। जिसके कारण उन्हें कई परेशानियां उठानी पड़ती है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर असर डालती हैं।
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हार्मोनल इंबैलेंस
महिलाओं के शरीर में प्रेग्नेंसी, डिलीवरी, मेंस्ट्रुअल साइकिल और मेनोपॉज समेत कई कारणों से हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव होता है। इस हार्मोन इंबैलेंस के कारण वेजाइनल ड्राइनेस, लिबिडो में कमी और मूड स्विंग्स हो सकते हैं। जिसके सीधा असर महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर और प्लेजर पर भी देखने को मिल सकता है।
मेंटल हेल्थ
अक्सर इस बात को भी नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेक्सुअल हेल्थ का मेंटल हेल्थ से भी संबंध होता है। बता दें कि एंजायटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन आदि कारणों से सेक्सुअल रिलेशन बनाने की इच्छा कम हो जाती है। इसलिए इन बातों पर भी ध्यान देना जरूरी होता है।
फिजिकल कंडीशन्स
आपको बता दें कि कई मेडिकल कंडीशन्स जैसे पीआईडी, पीसीओएस और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन्स का असर भी महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ सकता है।
लाइफस्टाइल फैक्टर्स
कई बार नींद पूरी न होने, खानपान सही न होने और लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य वजहें भी महिलाओं की सेक्सुअल हेल्थ पर असर डालती हैं। जिसकी वजह से कमजोरी, थकान और लिबिडो में कमी आ सकती है।