अनहेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल की वजह से कई बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में हार्मोन्स इंबैलेंस होने लगता है। जिसकी वजह से लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं जैसे- डायबिटीज, पीसीओडी और पीसीओएस आदि बढ़ने लगता है। इन्हीं में से एक थायराइड की समस्या है। थायराइड शरीर में थाइरॉक्सिन हार्मोन इंबैलेंस होने की वजह से होती है। इसकी वजह से शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं।
बता दें कि यह वजन में बदलाव होने, थकावट, सुस्ती और डाइजेशन खराब होने जैसी समस्याओं की वजह बन सकता है। हालांकि कई लोगों का मानना होता है कि थायराइड की वजह से हार्मोन हेल्थ पर भी असर पड़ सकता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि थायराइड के कारण हार्मोन हेल्थ पर कैसा असर पड़ सकता है।
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मेंटल हेल्थ पर असर
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक थायराइड की वजह से मरीज की मेंटल हेल्थ पर सीधा पड़ सकता है। इससे आपके मूड पर भी असर पड़ सकता है। थायराइड ग्लैंड के ओवरएक्टिव होने से हाइपरथायरायडिज्म हो सकता है, जिसका मेंटल हेल्थ पर असर हो सकता है। इसकी वजह से मरीज को नर्वसनेस, इर्रिटेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस आदि हो सकता है। वहीं थायराइड प्रोडक्शन की कम होने की वजह से हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। ऐसे में थकावट और डिप्रेशन जैसी समस्या हो सकती हैं।
बता दें कि थायराइड का मेंटल हेल्थ से सीधा कनेक्शन होता है। ऐसे में थायराइड से जुड़ी समस्याएं जितना ज्यादा होंगी, मूड स्विंग्स भी उतने ज्यादा हो सकते हैं। शरीर में थायराइड हार्मोन इंबैलेंस होने से कोर्टिसोल और हैप्पी हार्मोन्स भी प्रभावित हो सकते हैं। जितनी ज्यादा थायराइड से जुड़ी मुश्किलें बढ़ेंगी उतनी ही मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं होंगी।
थायराइड इंबैलेंस होने पर फिजिकल हेल्थ भी कई बदलाव आ सकते हैं। वजन बढ़ने या फिर घटने जैसी समस्या हो सकती हैं। गर्म या ठंडे टेंपरेचर की वजह से सेंसिटिविटी और बॉवेल मूवमेंट में बदलाव आ सकता है। तो वहीं कुछ महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्या हो सकती है। अगर इस तरह की समस्या लगातार बढ़ती हैं, तो आपको फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
अगर लाइफस्टाइल और डाइट को हेल्दी रखा जाए, तो थाइराइड हार्मोन को कंट्रोल करना आसान होगा। हालांकि इसको कंट्रोल करने के लिए दवा लेना जरूरी है। इससे आपकी मेंटल हेल्थ को भी फायदा होगा। हालांकि स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स अपनाने और रेगुलर एक्सरसाइज करने से थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है।