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इस डिजिटल युग में आंखों की थकान एक आम चिंता बन गई है। काम और मनोरंजन के लिए कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टैबलेट और अन्य गैजेट पर निर्भरता से छुटकारा पाना बहुत मुश्किल हो गया है। ये डिवाइस अक्सर तनाव का कारण बनते हैं जिससे असुविधा, धुंधली दृष्टि, सिरदर्द और सूखापन होता है। नीली रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से मायोपिया और डिजिटल आई स्ट्रेन सिंड्रोम का खतरा भी बढ़ सकता है। आंखों की थकान को दूर करने के लिए आप इन आदतों को अपना सकते हैं।
बेहतर नींद
आंखों के लिए अच्छी नींद लेना भी काफी जरुरी है। अच्छी नींद के कारण आंखों की ताजगी को प्रभावित करने वाला सबसे महत्वपूर्ण कारक है। यदि आप रोजाना रात में पर्याप्त नींद लेते हैं, तो आपकी आंखें और मस्तिष्क सुबह आराम महसूस करेंगे। देर रात तक अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से थकान हो सकती है।
स्क्रीनटाइम ब्रेक लेना
अगर आप स्क्रीनटाइम से बार-बार ब्रेक लेना आपकी आंखों को तरोताजा बनाएं रखने में मदद करती है। इसके अलावा आप खड़े होकर स्ट्रेच कर सकते हैं और अलग-अलग चीजों को देखकर अपना ध्यान बदल सकते हैं। यह तरीका आपके कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने के समय होने वाला तनाव कम करने में मदद करता है।
पलक झपकाना
थकी हुई आंखों को आराम देने के लिए आप पलकें झपकाना एक और प्रमुख कारक है जो आपकी आंखों को नम रखने में मदद करती है। आपको बता दें कि, कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के लंबे समय तक संपर्क में रहने से आपकी पलकें झपकने की दर में भारी कमी आ सकती है।
लाइट व्यवस्था को अनुकूल करें
हमारे आसपास मौजूद रोशनी भी आंखों को स्वास्थ्य को बेहतार बनाने में मदद करता है। पढ़ते या लिखते समय प्रकाश का स्त्रोत को अपने पेज या काम पर रखने की कोशिश करें। यदि आप भी वर्क डेस्क पर छायादार रोशनी का इस्तेमाल करने से रोशनी सीधे आपकी आंखों में जाने से रोकने में मदद मिल सकती है। जब आप टीवी देखते हैं तो कमरे की हल्की लाइट कर सकते हैं।