यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक अपशिष्ट पदार्थ होता है। यह शरीर में तब बनने लगता है, जब प्यूरीनयुक्त डाइट से शरीर में यूरिक एसिड अधिक बनने लगता है। ज्यादातर यूरिक एसिड ब्लड में घुल जाता है। फिर किडनी के जरिए यूरिन शरीर से बाहर निकल जाता है। बता दें कि जब शरीर में अधिक यूरिक एसिड रहता है, तो हाइपरयुरिसीमिया नामक स्थिति उत्पन्न हो सकता है।
यह यूरिक एसिड के क्रिस्टल बनने की वजह भी बन सकता है। जो जोड़ों में जम सकता है और अर्थराइटिस का कारण बन जाता है। यूरिक एसिड से ना सिर्फ अर्थराइटिस बल्कि हार्ट डिजीज, डायबिटीज, किडनी की समस्या भी हो सकती है। शरीर में बढ़ी हुई यूरिक एसिड को कम करने में पानी अहम भूमिका निभाता है। जो लोग पानी का कम सेवन करते हैं उनमें यूरिक एसिड का खतरा ज्यादा होता है और पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करने से इस समस्या के होने की आशंका कम होती है।
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बता दें कि जिन लोगों को पहले से ही अर्थराइटिस या फिर जोड़ों में दर्द की परेशानी होती है। उनमें यूरिक एसिड की समस्या होने पर अधिक दर्द होता है। हालांकि अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव कर इस समस्या से बचा जा सकता है। सही लाइफस्टाइल का चुनाव कर इससे बचा जा सकता है।
मौसमी चीजें अधिक खाएं
यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को किन्नू, संतरा, गाजर, खीरा और हरे पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। दही और दाल का सेवन कम करना चाहिए। इसके अलावा डेली रूटीन में एक्सरसाइज को शामिल करें। इससे यूरिक एसिड कंट्रोल में रहता है।