आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के बराबर खड़ी हैं। अधिकतर वर्किंग वूमेन इतना ज्यादा बिजी होती हैं कि सबसे ज्यादा उनकी लाइफस्टाइल प्रभावित होती है। लाइफस्टाइल प्रभावित होने पर महिलाओं को हार्मोनल इंबैलेंस जैसी गंभीर समस्याएं होने लगती हैं। हार्मोनल इंबैलेंस की वजह से महिलाओं को मूड स्विंग जैसी दिक्कत होने लगती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए आप डॉक्टर की परामर्श व सलाह पर दवाओं का सेवन कर सकती हैं।
लेकिन इन दवाओं का असर भी तब देखने को मिलता है, जब आपकी लाइफस्टाइल में थोड़ा-बहुत सुधार हो। ऐसे में मूड स्विंग की समस्या से बचने के लिए आप अपनी डेली रूटीन में योग और प्राणायाम का अभ्यास कर सकती हैं। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मूड स्विंग से बचने के लिए 3 योगासन के बारे में बताने जा रहे हैं। ऐसे में आप इन तीन योगासन के नियमित अभ्यास से मूड स्विंग की समस्या से राहत पा सकती हैं। यह योगासन आपको तनाव से भी राहत देने में मदद करेंगे।
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भुजंगासन
महिलाएं हार्मोनल इंबैलेंस को सुधारने और मूड स्विंग को कंट्रोल करने के लिए डेली भुजंगासन का अभ्यास कर सकती हैं। इस योगासन को करने से मन शांत होता है और आपके शरीर को मजबूती मिलती है। इस आसन के नियमित अभ्यास से आपका मूड बेहतर होता है और महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में सुधार होता है।
पश्चिमोत्तानासन
इसके अलावा आप रोजाना पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास कर सकती हैं। इस आसन को करने से मूड स्विंग की समस्या से भी राहत मिल सकता है। पश्चिमोत्तानासन का रोजाना अभ्यास करने से मन को शांति मिलती है और पीठ मजबूत होती है। इस आसन को करने से स्ट्रेस और डिप्रेशन की समस्या से राहत मिलती है।
उत्तानासन
इसके अलावा मूड स्विंग की समस्या से राहत पाने के लिए रोजाना उत्तानासन का अभ्यास करना चाहिए। इस आसन को करने से मानसिक तनाव कम होता है और इससे मानसिक स्थिति बेहतर होती है। उत्तानासन शारीरिक और मानसिक संतुलन में सहायक होता है और इससे पाचन सिस्टम बेहतर होता है। वहीं इस आसन को करने से पेट संबंधी समस्या कम होती है।