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WPL 2023 के ऑक्शन के बाद जानें खिलाड़ियों की जिंदगी में कैसे आएगा बदलाव, कोई करेगा छत का इंतजाम तो किसी के अन्य सपने होंगे पूरे

भारत में अब महिला प्रीमियर लीग को लेकर पहले राउंड की बोली पूरी हो चुकी है। इस बार जिन खिलाड़ियों की नीलामी में बोली लगी है उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया है। महिला प्रीमियर लीग ने ना सिर्फ खिलाड़ियों को शानदार प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है बल्कि उनके सपनों को भी उड़ान भरने का नया मौका दिया है।

गौरतलब है कि महिला प्रीमियर लीग से महिला क्रिकेट को नई पहचान मिली है, जो आने वाले समय में अधिक बढ़ेगी। भारतीय टीम के लिए खेलने के अलावा भी कई अन्य खिलाड़ियों की इस नीलामी में बोली लगी है। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि महिला प्रीमियर लीग के जरिए खिलाड़ियों की जिंदगी को नई उड़ान मिलेगी। इनमें से अधिकतर खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में इस बोली के जरिए उनके जीवन को नई राह मिली है।

अगर बात करें खिलाड़ियों की तो इनमें से किसी को घर खरीदना है तो किसी को अपने सिर से कर्ज का बोझ खत्म करना है। 13 फरवरी को महिला प्रीमियर लीग की नीलामी में किसी खिलाड़ी की बोली करोड़ों में लगी तो किसी को लाखों रुपये में टीमों ने खरीदा।

ऋचा घोष
जानकारी के मुताबिक प्रीमियर में मिली राशि से कोलकाता में एक घर खरीदना चाहती है। उनका मानना है कि अब वो अपने पिता को अधिक काम करते हुए नहीं देखना चाहती और कोलताका में फ्लैट चाहती है। बता दें कि ऋचा घोष को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलुरु की टीम ने नीलामी में 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा है। ऋचा के पिता मानबेन्द्र घोष ने कहा कि मैं अपनी भावनाओं को शब्दों से बयां नहीं कर सकता। अभी मेरे दिमाग में बहुत सारी भावनाएं हैं। उस बच्चे ने बहुत छोटी उम्र से ही बहुत कुछ झेला है और मैं कहीं न कहीं इसके लिए खुद को जिम्मेदार भी महसूस करता हूं।

 उन्होंने कहा कि वो सिलीगुड़ी से कोलकाता तक 600 किलोमीटर की दूरी को ट्रेन से तय करते थे और सस्ते होटल की तलाश करते थे ताकि उनकी बेटी प्रशिक्षण ले सके। उन्होंने बताया कि हमारे लिए पैसा एक समस्या थी। मैं कोलकाता में किसी को नहीं जानता था और यहां सस्ते होटल ढूंढता था ताकि हम ठहर सकें और ऋचा को ट्रेनिंग मिल सके। कई बार ऐसा हुआ कि कोलकाता के मैदान को ही हमें अपना घर बनाना पड़ा। ऋचा के पिता का कहना है कि वो अपनी बेटी के लिए घर खरीदेंगे ताकि उनकी बेटी को ट्रेनिंग के लिए बार बार परेशान ना होना पड़े और मैदान के पास ही वो ट्रेनिंग कर सके।

पूजा वस्त्राकर
पूजा को मुंबई इंडियंस की टीम ने 1.9 करोड़ रुपये में खरीदा है। पूजा वर्तमान में महिला टी20 विश्व कप में हिस्सा ले रही है। बीएसएनएल से रिटायर पूजा के पिता बंधन राम वस्त्राकर ने कहा कि वो चाहते हैं कि उनके बेटी इन पैसों को खर्च ना कर फिक्स्ड डिपॉजिट में डाले। उन्होंने कहा कि वो कभी नहीं सोच सकते थे कि उनकी बेटी एक दिन देश के लिए खेलेगी। क्रिकेट के लिए उसकी लगन एक दिन इतना पैसा पाएगी। बता दें कि पूजा चार वर्ष की आयु से क्रिकेट खेल रही है। उन्होंने कहा कि अगर इस वर्ष टी20 विश्व कप खिताब उनकी बेटी जीत कर ले आएगी तो इससे बड़ी खुशी और कुछ नहीं होगी। पूजा के कोट अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि पूजा अपने साथ की लड़कियों से बेहतर क्रिकेट खेलती थी। एकेडमी में जब उसने छक्के लगाए तो लगा कोई लड़का छक्के मार रहा है। इसके बाद उसे लड़कियों के साथ खेलने भेजा मगर वो उनसे काफी आगे थी। लंबे समय तक पूजा अंडर 14 में लड़कों की टीम के साथ प्रैक्टिस करती रही।

रेनुका सिंह
भारतीय तेज गेंदबाज रेणुका सिंह ठाकुर को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम ने 1.5 करोड़ रुपये में खरीदा है। हिमाचल प्रदेश को रोहड़ू से ताल्लुक रखने वाली रेणुका की मां सुनिता ने बताया कि उसने सब कुछ अपनी मेहनत और खेल के प्रति निष्ठा के कारण हासिल किया है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में वो अपने भाई के साथ मैदान में जाकर लड़कों की टीम के साथ खेलती थी। वो हमेशा आईपीएल के मुकाबले बैठकर देखती थी अब खुद भी मुकाबला खेलेगी। ये सभी के लिए सपने का सच होने जैसा है। बता दें कि अपनी मेहनत के दम पर रेणुका वर्ष 2019 में 23 विकेट के साथ बीसीसीआई महिला एक दिवसीय ट्रॉफी में अग्रणी विकेट लेने वाली खिलाड़ी के रूप में उभरी थी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि रेणुका की मेहनत को देखकर गांव की अन्य लड़कियों में भी जज्बा जागेगा और वो भी कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि रेणुका नीलामी में मिली राशि से परिवार के लिए नया घर बनाने का सोच रही है। 

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