भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान लगातार जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। इसको लेकर राजनीति भी खुब हो रही है। अब इसी पर केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के लिए खेल और खिलाड़ी हमेशा प्राथमिकता रहें हैं और उन्होंने ना कभी खिलाड़ियों की सुविधाओं के साथ समझौता किया है और ना कभी करेंगे। अपने बयान में ठाकुर ने कहा कि कुछ खिलाड़ी अगर आज जंतर-मंतर पर बैठे हैं उनके साथ किसने बात की? मैं 12 घंटे उनके साथ बैठा। उनकी बात सुनी, कमेटी बनाई, हम निष्पक्ष जांच चाहते थे। इनके कहने पर बबीता फोगाट को कमेटी में शामिल किया गया।
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भाजपा नेता ने आगे कहा कि हर किसी को अपनी बात रखने का मौका दिया गया….किसी भी थाने में कोई भी FIR दर्ज़ करवा सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। मोदी सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी रही है। हमारे लिए खेल प्राथमिकता है, जिसके साथ हम कोई समझौता नहीं करेंगे। ठाकुर ने कहा कि निगरानी समिति की 14 बैठकें हुईं और किसी को भी सुनवाई के लिए आने से कभी नहीं रोका गया। वहीं, पूरे मामले पर भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई समस्या है तो उन्हें हमारे पास आना चाहिए था, हमसे बात करनी चाहिए थी। हमारे पास आने की बजाय वे सड़क पर उतर गए हैं, ये खेल के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन अनुशासनहीनता है और इससे देश की छवि खराब हो रही है।
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आईओए अध्यक्ष के बयान पर बजरंग पूनिया ने कहा कि हमें आईओए अध्यक्ष पीटी उषा से ऐसे कड़े जवाब की अपेक्षा नहीं थी, हमें उम्मीद थी कि वह हमारा साथ देंगी। आईओए ने कुश्ती महासंघ के कामकाज के संचालन के लिये चुनाव होने तक एक तदर्थ समिति का गठन किया है जिसमें पूर्व निशानेबाज सुमा शिरूर, भारतीय वुशू संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा और उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत न्यायाधीश हैं जिनका नाम अभी तय नहीं हुआ है।