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अर्जेंटीना और मेस्सी को महसूस हो रही है माराडोना की कमी

मैदान पर नतीजा चाहे जो हो लेकिन अर्जेंटीना के लिये यह विश्व कप खास है।
लियोनेल मेस्सी का यह आखिरी विश्व कप है और डिएगो माराडोना के निधन के बाद अर्जेंटीना टीम का पहला विश्व कप है। अर्जेंटीना के सबसे बड़े फुटबॉल खिलाड़ी माराडोना का दो साल पहले आज ही के दिन निधन हुआ था।
अर्जेंटीना के फुटबॉलप्रेमियों के लिये खुदा का दर्जा रखने वाले माराडोना 1982 के बाद से हर विश्व कप में नजर आये हैं। कभी खिलाड़ी के रूप में, कभी कोच के रूप में तो कभी प्रशासक के तौर पर।

विश्व कप 2022 से पहले अर्जेंटीना और कतर में माराडोना को श्रृद्धांजलि दी गई।
फीफा के अध्यक्ष जियानी इंफेंटिनो ने शुक्रवार को माराडोना की आदमकद प्रतिमा के अनावरण के मौके पर कहा ,‘‘ डिएगो अमर है। वह अभी भी हमारे साथ है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ लोगों को फुटबॉल से मुहब्बत करना सिखाने वाले इस खिलाड़ी ने जो किया, कोई और नहीं कर सका।’’
अपना पांचवां विश्व कप खेल रहे मेस्सी ने टूर्नामेंट से पहले फीफा से कहा था कि माराडोना की गैर मौजूदगी अजीब है और उन्हें देखकर लोगों का पागलपन भी इस बार देखने को नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह महसूस करते हैं कि माराडोना कहीं न कहीं हैं।
माराडोना की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 1986 विश्व कप जीता था। उसी टूर्नामेंट में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ ‘ हैंड आफ गॉड’ गोल किया था जो टूर्नामेंट के इतिहास का महानतम लेकिन सबसे विवादित गोल माना जाता है।

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