भारत के सीनियर स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को लगता है कि इस साल के अंत में घरेलू मैदान में होने वाले वनडे विश्व कप के मैच दिन के शुरूआती हिस्से में (सुबह 11:30 बजे) में आरंभ हो जाने चाहिए ताकि ओस के असर को कम किया जा सके।
उपमहाद्वीप में ओस के कारण मैच प्रभावित होते रहे हैं जिससे लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को अनुचित फायदा मिल जाता है। ओस की संभावना के चलते टॉस जीतने वाला कप्तान क्षेत्ररक्षण का फैसला करता है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘विश्व कप के लिये मेरा सुझाव या फिर मेरी राय होगी कि देखिये हम किस जगह पर खेल रहे हैं और किस समय खेल रहे हैं। हमें विश्व कप के दौरान मैच सुबह साढ़े 11 बजे क्यों नहीं शुरू कर देने चाहिए? ’’
भारत में दिन-रात्रि वनडे दोपहर 1:30 बजे शुरू होते हैं और करीब रात नौ बजे के बाद तक खत्म होते हैं।
अश्विन का मानना है कि ओस के कारण बेहतरीन टीमों के कौशल का अंतर दिखायी नहीं देता। इस 36 साल के ऑफ स्पिनर ने अपनी बात को साबित करने के लिये भारत और श्रीलंका के बीच पहले वनडे का उदाहरण दिया।
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने सात विकेट पर 373 रन बनाये जबकि श्रीलंकाई टीम ने आठ विकेट पर 306 रन बनाये।
अश्विन ने कहा कि जीत का अंतर इस मैच में दिखायी नहीं दिया जबकि भारतीय टीम ने मैच में दबदबा बनाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने धीमी पिच पर अच्छी बल्लेबाजी की और बेहतरीन स्कोर बनाया। फिर भी उन्हें मशक्कत करनी पड़ी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीमों के बीच कौशल का अंतर साफ नहीं दिखता, ओस से यह अंतर कम हो रहा है। ’’
भारत में ओस से मैचों के परिणाम पर इतना बड़ा असर डालने के बावजूद मैच का समय भारतीय उपमहाद्वीप में ‘टीवी के दर्शकों’ को ध्यान में रखते हुए रखा जाता है।
अश्विन ने कहा, ‘‘कहते हैं कि लोग इस समय टीवी नहीं देखेंगे लेकिन बताईये क्या वे विश्व कप के मैच नहीं देखेंगे? ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हाल में टी20 विश्व कप भी सर्दियों में कराया गया था। यह आदर्श स्थिति नहीं है – टी20 तेजी से खेला जाने वाला मैच है, आप इसे सर्दियों में कैसे खेल सकते हो? लोग कहेंगे कि आस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं था, लेकिन हमें विश्व कप को प्राथमिकता देनी चाहिए। ’’
भारत में 50 ओवर का विश्व कप अक्टूबर-नवंबर में होगा और इसमें ओस सामान्यत: होगी ही और जैसे जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा इसका असर भी बढ़ता जायेगा।