41 साल से एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक के इंतजार को खत्म करने के इरादे से उतरी शीर्ष रैंकिंग वाली भारतीय महिला टीम बुधवार को सिंगापुर के खिलाफ अपने पहले मैच में शानदार जीत के साथ आगाज करना चाहेगी।
विश्व रैंकिंग में सातवें स्थान पर काबिज भारत एशियाई खेलों में सर्वोच्च रैंकिंग वाली टीम है।
गत चैम्पियन जापान की रैंकिंग दसवीं है।
भारत ने एशियाई खेलों में 1982 में महिला हॉकी शामिल किये जाने पर पहला स्वर्ण जीता था लेकिन उसके बाद से पीला तमगा नहीं जीत सकी है। सविता पूनिया की कप्तानी वाली टीम की नजरें यहां स्वर्ण जीतकर पेरिस ओलंपिक के लिये सीधे क्वालीफाई करने पर लगी है।
फॉर्म और रैंकिंग के आधार पर भारत खिताब का प्रबल दावेदार है लेकिन जापान, 11वीं रैकिंग वाली चीन और 12वीं रैंकिंग वाली कोरिया से उसे कड़ी चुनौती मिल सकती है।
तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रहने के बाद भारत के हौसले बुलंद है। डच कोच यानेके शॉपमैन के मार्गदर्शन में टीम ने पिछले कुछ अर्से में अपने खेल में काफी सुधार किया है हालांकि उसे बड़े मैचों के दबाव का बखूबी सामना करना होगा।
कोच शॉपमैन ने कहा ,‘‘ हमने कई पहलुओं पर काम किया है। हमारा इरादा दमदार शुरूआत करके पूल में शीर्ष रहने का है।’’
भारत को कमोबेश आसान पूल ए मिला है जिसमें सिंगापुर, मलेशिया, हांगकांग और कोरिया है। भारत और कोरिया इस पूल से सेमीफाइनल में पहुंच सकते हैं। पूल बी में चीन, जापान, इंडोनेशिया, कजाखस्तान और थाईलैंड है।
भारत के पास सविता के रूप में अनुभवी गोलकीपर है जबकि डिफेंस का जिम्मा दीप ग्रेस इक्का, सुशीला चानू और निक्की प्रधान जैसे अनुभवी खिलाड़ियों पर है।
फॉरवर्ड पंक्ति में लालरेम्सियामी, नवनीत कौर, वंदना कटारिया, उदिता और संगीता कुमारी है जबकि मिडफील्ड में नेहा, निशा, सलीमा टेटे और इशिका चौधरी कमान संभालेंगे।
सिंगापुर के बाद भारत को 29 सितंबर को मलेशिया से, एक अक्टूबर को कोरिया और तीन अक्टूबर को हांगकांग से खेलना है।
भारत ने अभी तक एशियाई खेलों की महिला हॉकी स्पर्धा में एक स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते हैं।
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