हांगझाऊ में 19वें एशियन गेम्स 2023 जारी हैं। लेकिन इतने बड़े इवेंट का मेजबान देश चीन लगातार अपनी धोखेबाजी से बाज नहीं आ रहा है। जिस चीन को अपनी तकनीक पर गुरूर था, वही तकनीक एशियाई खेलों में उसका मजाक उड़ा रहा है। वहीं चीन के धोखेबाजी का शिकार सबसे ज्यादा भारतीय एथलीट्स हो रहे हैं, मेजबान देश लगातार किसी ना किसी कारण भारतीय एथलीट् को अपनी चाल में फंसा रहा है। इस कड़ी में सबसे पहले भारतीय धाविका ज्योति याराजी और उसके बाद भारतीय स्टार नीरज चोपड़ा और किशोर कुमार जेना के साथ चीनी अधिकारियों ने बेईमानी की कोशिश की, लेकिन भारतीय एथलीट्स भी कहां पीछे रहने वाले थे सभी ने अपने जुनून के आगे धोखेबाज मेजबान देश की एक ना चलने दी।
भारतीय एथलीट्स के साथ धोखेबाजी
इन तीनों ही भारतीय एथलीट्स ने मेडल जीतकर चीनी अधिकारियों और तकनीक का मुंहतोड़ जवाब दिया है। बता दें कि, ज्योति के साथ तो चीन ने चालबाजी की कोशिश की थी। चीनी एथलीट की गलती पर याराजी को परेशान किया गया था, लेकिन भारतीय एथलीट ने इसका विरोध किया और फिर बाद में चीनी अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि याराजी सही थीं। उनका ब्रॉन्ज मेडल सिल्वर में बदल गया। वहीं नीरज चोपड़ को 6 प्रयास की जगह 7 बार थ्रो करवाया गया, क्योंकि उस दौरान चीनी अधिकारियों के मुताबिक कोई तकनीकी समस्या के चलते उनका पहला थ्रो रिकॉर्ड ही नहीं हुआ।
अंजू बॉबी जॉर्ज ने उठाए सवाल
इस पर भारतीय एथलीट्स नीरज चोपड़ा काफी नाराज दिखे और उन्होंने इस पर खुलकर बातचीत की। साथ ही इस मुद्दे पर भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज, जो नीरज के मैच के दौरान मैदान पर ही मौजूद थीं, नाराज दिखीं और उन्होंने इस मुद्दे को बखूबी उठाया भी है।
साथ ही गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा कि, मुझे नहीं पता कि उन्होंने मेरी पहली थ्रो की दूरी क्यों नहीं नापी। मेरे बाद हुई थ्रो को दूरी आई, लेकिन मेरी नहीं। मेरे साथ ऐसा किसी भी प्रतियोगिता में कभी नहीं हुआ। मुझे बताया गया कि ये अच्छी थ्रो थी, शायद 87-88 मीटर तक गई थी। अगर पहली थ्रो अच्छी जाती है तो एथलीट पर से दबाव हट जाता है। ज्योति के साथ भी गड़बड़ हुई, जेना ने दूसरी थ्रो फेंकी लेकिन उसे फाउल दिया गया। बाद में फैसला बदला गया। हालांकि, मैं जेना के लिए बेहद खुश हूं, उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया।
दूसरी तरफ अंजू ने कहा कि चीनी अधिकारी जानबूझकर भारतीय एथलीट्स को निशाना बना रहे हैं। वे धोखेबाजी कर हमारे एथलीट्स को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने नीरज से पहली थ्रो नहीं नापे जाने का विरोध करने को कहा। चीन में जीतना काफी कठिन है, लेकिन हमारे एथलीट थ्रोअ, जंपर श्रेष्ठ हैं, इस लिए उन्हें परिशान किया जा रहा है।
हालांकि, आखिर में ज्योति, नीरज और किशोर ने सिल्वर और गोल्ड मेडल जीतकर चीनी अधिकारियों को मुहंतोड़ जवाब दिया।