भारतीय पुरूष रिकर्व टीम को तीरंदाजी विश्व कप पहले चरण में शूट आफ में चीन से मिली पराजय के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारतीय टीम की नजरें 2010 के बाद विश्व कप में पहले स्वर्ण पदक पर थी। तरुणदीप राय, अतनु दास और धीरज बोम्मादेवरा की भारतीय टीम ने 0.4 से पिछड़ने के बाद बराबरी की और मुकाबले को शूटआफ में खींचा। तीनों हालांकि 4.5 (54 . 55, 50.56, 59.58, 56.55, 28.28) से हार गए। चीन की टीम ने स्वर्ण पदक जीता जिसमें लि झोंगियुआन, कि शयांगशुओ और वेइ शाहोक्सू शामिल थे।
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भारत के दो स्वर्ण और एक रजत पदक हो गए हैं। धीरज व्यक्तिगत वर्ग में भी पदक की दौड़ में हैं। भारतीय टीम का दूसरे सेट में प्रदर्शन खराब रहा जिसमें 60 में से 50 अंक ही बना सकी जबकि चीन ने छह अंक लिये। भारत की शुरूआत धीमी रही और चीन ने एक अंक से पहला सेट जीता। तीसरे सेट में भारत ने वापसी करके पांच बार दस का स्कोर किया। भारत ने चौथा सेट भी एक अंक से जीता। भारतीय टीम 2014 में भी मेडेलिन में दूसरे चरण और व्रोक्लॉ में चौथे चरण में विश्व कप जीतने के करीब पहुंची थी लेकिन हार गई। भारत ने पुरूषों के रिकर्व वर्ग में पांच स्वर्ण पदक जीते हैं। भारत ने आखिरी बार पुरूषों के रिकर्व वर्ग में विश्व कप स्वर्ण पदक 2010 में शंघाई में जीता था। उस टीम में सेना के तरूणदीप राय भी थे जबकि उनके साथ जयंत तालुकदार और राहुल बनर्जी ने जापान को फाइनल में हराया था।