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ATK Mohun Bagan एक जून से मोहन बागान सुपर जायंट्स कहलायेगा

मोहन बागान के हितधारकों ने प्रशंसकों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर बुधवार को घोषणा की कि वे शहर के 133 साल पुराने इस दिग्गज फुटबॉल क्लब के नाम से एटीके उपसर्ग हटा देंगे।
  यह क्लब मुख्य रूप से आरपी संजीव गोयनका (आरपीएसजी) समूह के स्वामित्व में है। एक जून से इसे मोहन बागान सुपर जायंट्स के नाम से जाना जाएगा।  गोयनका समूह ने इस मामले में अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी का अनुसरण किया है। इस फ्रेंचाइजी की आईपीएल टीम का नाम लखनऊ सुपर जायंट्स है। उनकी पिछली आईपीएल टीम को पुणे सुपर जायंट्स के नाम से जाना जाता था।

मोहन बागान क्लब ने बताया, ‘‘ आज हुई बोर्ड बैठक के बाद, क्लब का नाम एक जून 2023 से मोहन बागान सुपर जायंट्स (एमबीएसजी) होगा।’
एटीके मोहन बागान ने इस साल मार्च में पेनल्टी शूटआउट में पूर्व चैंपियन बेंगलुरु एफसी पर 4-3 से जीत के साथ इस सत्र में अपना पहला इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) खिताब जीता था।
आईएसएल चैम्पियन बनने के बाद गोयनका ने कहा था कि टीम एटीके उपसर्ग को हटा देगी। उन्होंने हालांकि तब इसके लिए किसी तारीख की घोषणा नहीं की थी।
दो बार की चैम्पियन एटीके को पहले मैड्रिड स्थित स्पेन की दिग्गज क्लब की साझेदारी के कारण एटलेटिको डी कोलकाता के रूप में जाना जाता था।

 एटलेटिको मैड्रिड ने हालांकि तीन साल के बाद अपनी 25 प्रतिशत हिस्सेदारी आरपीएसजी समूह को बेच दी। इसके बाद से इस टीम को एटीके के नाम से जाना जाता था।
आरपीएसजी समूह ने 2020-21 सत्र से पहले मोहन बागान में बहुलांश (80 प्रतिशत) हिस्सेदारी खरीद कर दोनों क्लब का विलय कर दिया था। एक जून 2020 से एटीके मोहन बागान अस्तित्व में आया था।
प्रशंसकों को हालांकि यह नाम पसंद नहीं आया था और टीम जब भी साल्ट लेक स्टेडियम में खेलती थी तब वे बैनर लेकर एटीके नाम हटाने की मांग करते थे।

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