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Bajrang, Vinesh ने 15 दिनों में पहली बार मैट पर अभ्यास किया

स्टार पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट एशियाई खेलों के ट्रायल के लिए तैयार होने के लक्ष्य के साथ 15 दिनों में पहली बार सोमवार को मैट पर उतरे जबकि आईओए (भारतीय ओलंपिक समिति) की तदर्थ समिति ने एशियाई चैंपियनशिप (अंडर-17 और अंडर-23) के चयन ट्रायल के लिए गतिविधियों को शुरू करने की योजना पर काम शुरू कर दिया।
बजरंग, विनेश और साक्षी मलिक के अलावा बड़ी संख्या में पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर प्रदर्शन कर रहे है ऐसे में उन्हें अभ्यास के लिए साथी मिलने का सवाल ही नहीं था।

इन पहलवानों ने बृजभूषण पर महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है।
बजरंग और विनेश ने जनवरी के बाद से किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के द्वारा उनकी मांग पर विदेश में प्रशिक्षण की मंजूरी मिलने के बाद भी ये दोनों पहलवान अभ्यास के लिए विदेश नहीं गये है।
कुछ समय पहले तक वे इस बात पर अड़े थे कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वे अभ्यास शिविर या अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगे। पिछले पखवाड़े में उन्होंने जंतर-मंतर पर ही दो हल्के अभ्यास सत्रों में भाग लिया था।

विनेश ने हालांकि रविवार को कहा था कि वे अभ्यास शुरू करेंगी और अब टूर्नामेंट से दूर नहीं रहेंगी।
बजरंग ने जितेंद्र किन्हा के साथ पास के एक स्टेडियम में एक घंटे के सत्र में भाग लिया।  विनेश ने अपनी चचेरी बहन संगीता और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक के साथ अभ्यास किया।
सत्यव्रत कादियान ने अपने भाई सोमबीर के साथ अभ्यास किया।
इस अभ्यास सत्र में भाग लेने वाले एक सीनियर पहलवान ने कहा, ‘‘पिछली बार हमने इस विरोध के फिर से शुरू होने से एक दिन पहले मैट ट्रेनिंग की थी। आपने देखा कि पिछले 15 दिनों में हम समर्थकों से मिलने में कितने व्यस्त थे। देर रात तक चर्चा हो रही थी, अभ्यास नहीं हो पा रहा था। लेकिन अब हम लगातार मैट ट्रेनिंग करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने तकनीक का पालन करते हुए आज हल्का प्रशिक्षण लिया। धीरे-धीरे हम ‘स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस ट्रेनिंग’ भी शुरू करेंगे। हम उम्मीद कर रहे हैं कि एक उचित समाधान निकलेगा और तब तक हम एशियाई खेलों के ट्रायल्स के लिए तैयार रहना चाहते हैं। हम आगामी रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में भी प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।’’
बिश्केक में एक से चार जून तक होने वाले यूडब्ल्यूडब्ल्यू (एमेच्योर कुश्ती संचालन की वैश्विक संस्थान)  रैंकिंग सीरीज स्पर्धा के लिए हालांकि टीम पहले ही तय कर ली गई है। यह कमोबेश वही टीम है जिसने अप्रैल में अस्ताना में एशियाई चैंपियनशिप में भाग लिया था और 14 पदक जीते थे।

बजरंग, विनेश, साक्षी, सत्यव्रत और संगीता अस्ताना में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं थे क्योंकि वे विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
इस बीच डब्ल्यूएफआई की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को चलाने के लिए आईओए द्वारा गठित तदर्थ समिति ने कोच और साइ अधिकारियों के साथ चर्चा की।
तदर्थ समिति सदस्य राष्ट्रीय निशानेबाजी कोच सुमा शिरूर बैठक में शामिल नहीं हुई। समिति के एक अन्य सदस्य भूपेंद्र सिंह बाजवा ने  कोच के साथ भविष्य की योजना पर चर्चा की।
बिश्केक में 10 से 18 जून तक होने वाली अंडर-17 और अंडर-23 पहलवानों की एशियाई चैंपियनशिप को ध्यान में रखते हुए समिति ने 17 से 19 मई तक इंदिरा गांधी स्टेडियम में ट्रायल कराने का फैसला किया।

सीनियर पहलवानों के लिए राष्ट्रीय शिविर फिर से शुरू करने पर चर्चा हुई लेकिन इस पर अंतिम फैसला साइ करेगा।
आईओए के एक सूत्र ने कहा, ‘‘पुरुषों के राष्ट्रीय शिविर के संबंध में कोई समस्या नहीं है और साइ जल्द ही इसके लिए एक तारीख की घोषणा करेगा। महिला पहलवान लखनऊ में शिविर में शामिल होने की इच्छुक नहीं हैं। वे चाहती हैं कि शिविर दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जाए लेकिन यहां आवास एक मुद्दा है।’’
इस सूत्र ने कहा, ‘‘ साइ के अधिकारी इस पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही शिविर के लिए तारीखों और स्थल को अंतिम रूप देंगे।’’
इस बीच बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शनकारी पहलवानों का साथ देने के लिए जंतर-मंतर पहुंचे।

सुबह पंजाब से किसान और हरियाणा से खाप सदस्य पहलवानों को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचने के लिए पुलिस के ‘बैरिकेड’ भी तोड़ दिए।
यह पहलवानों के आंदोलन से ज्यादा किसानों के विरोध जैसा लग रहा था। शाम के समय मजदूरों को बेरिकेड की वेल्डिंग करते हुए देखा गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान फिर से इस घेरे को ना तोड़ पाये।

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