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Bengaluru और ATK Mohana Bagan के बीच खिताबी भिड़ंत में रणनीति और मानसिकता की जंग

एटीके मोहन बागान की टीम इंडियन सुपर लीग फुटबॉल के फाइनल में शनिवार को जब 2018-19 सत्र के चैम्पियन बेंगलुरु एफसी के खिलाफ मैदान में उतरेगी तो उसकी कोशिश पहली बार इस खिताब को अपने नाम करने की होगी।
एटलेटिको कोलकाता (एटीके) की फ्रेंचाइजी ने इस खिताब को एक बार जीता है लेकिन मोहन बागान से जुड़ाव के बाद उसे अपने पहले खिताब का इंतजार है। टीम ने लगातार पांच मैचों अजेय रहते हुए फाइनल का टिकट पक्का किया। इन पांच मैचों चार में उसके खिलाफ एक भी गोल नहीं हुए।

क्लब ने लीग चरण में टीम की रक्षापंक्ति ने शानदार खेल दिखाया था। इस दौरान टीम के खिलाफ सिर्फ 17 गोल हुए थे जो गत चैम्पियन हैदराबाद एफसी के बाद सबसे बेहतर आंकड़ा है।
फाइनल में जब टीम बेंगलुरु के खिलाफ उतरेगी तो ये आंकड़े ज्यादा मायने नहीं रखेगे। बेंगलुरु के पास भारत के करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री के अलावा रॉय कृष्णा और शिव शक्ति नारायण जैसे अग्रिम पंक्ति के शानदार खिलाड़ी है।

बेंगलुरु के कोच सिमोन ग्रेसन ने पिछले कुछ मैचों में 38 साल के छेत्री का इस्तेमाल स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर किया है और भारतीय कप्तान ने अहम मौकों पर गोल कर टीम को निराश नहीं किया।
हैदराबाद के मुख्य को जुआन फर्नांडो ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ मैचों में उनकी टीम (बेंगलुरु एफसी) ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। वे आत्मविश्वास से खेले हैं। हमें मैच की शुरुआत से ही उन्हें रोकना होगा।  इसके लिए हमें अपनी योजना पर भरोसा है।’’

बेंगलुरु के कोच ग्रेसन फाइनल में भी छेत्री को बाद में मैदान में उतारना चाहेगे। उन्होंने कहा, ‘‘ उनकी तरह की गुणवत्ता, अनुभव और पेशेवर खिलाड़ी को बाहर छोड़ना वास्तव में एक कठिन निर्णय है। लेकिन एक कोच के रूप में, चाहे वह सुनील छेत्री हो या रोहित कुमार, मुझे वही करना है जो मुझे मेरे मुताबिक टीम के हित में होगा।

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