भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मुख्य प्रायोजक के लिए टेंडर बुलाए है। इन टेंडरों के जरिए बोलियां आमंत्रित की गई है, जिससे नए प्रायोजक को तय किया जाएगा। इसी बीच बीसीसीआई ने कई कंपनियों को बैन भी कर दिया है, जो कि इस टेंडर में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
जानकारी के मुताबिक बीसीसीआई ने साफ कर दिया है कि भारतीय टीम के लिए प्रायोजक बनने के लिए हर कोई कंपनी टेंडर नहीं भर सकेगी। इसमें एथलेजर और स्पोर्ट्सवियर निर्माता, शराब उत्पाद, सट्टेबाजी, क्रिप्टोकरेंसी, रीयल मनी गेमिंग (फैंटेसी स्पोर्ट्स को छोड़कर), तंबाकू ब्रांड शामिल है। इस बार बीसीसीआई ने प्रतिष्ठित कंपनियों को बोलियां लगाने के लिए आमंत्रित किया है। इस संबंध में बीसीसीआई ने एक सूची साझा की है जिसमें कुछ प्रायजकों को आवेदन करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
इन पर लगी रोक
- एथलेजर
- स्पोर्ट्सवियर निर्माता
- शराब उत्पाद
- सट्टेबाजी
- क्रिप्टोकरेंसी
- रीयल मनी गेमिंग
- तंबाकू
जय शाह ने जारी किया बयान
इस संबंध में बीसीसीआई सचिव जय शाह ने एक विज्ञप्ति में कहा,‘‘ बीसीसीआई ने राष्ट्रीय टीम के मुख्य प्रायोजन अधिकारों के लिये बोलियां आमंत्रित की है।’’ बोली लगाने के लिये दस्तावेज पांच लाख रूपये देकर लिया जा सकता है और यह फीस वापिस नहीं होगी। इसे खरीदने की आखिरी तारीख 26 जून है।
बायजू था प्रायोजक
गौरतलब है कि इससे पहले तक भारतीय टीम का प्रायोजक बायजू रहा है जिसने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में बीसीसीआई का साथ छोड़ा था। वहीं अपनी ब्रांडिंग में कटौती करने वाले बायजू ने भारतीय पुरूष टीम की जर्सी में आगे अपना लोगो लगाने के लिए साढ़े तीन करोड़ डॉलर का करार बीसीसीआई के साथ किया था, जो अब खत्म हो चुका है।