भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अभ्यास शिविर आयोजित करने और प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए राज्य इकाइयों के सीधे विदेशी क्रिकेट बोर्ड से गठजोड़ करने पर रोक लगाने की तैयारी में है।
बीसीसीआई चाहता है कि राज्य इकाइयां इस तरह के किसी भी प्रस्ताव पर उसके माध्यम से आगे बढ़ें। इस मामले में 18 मार्च को होने वाली बीसीसीआई की शीर्ष परिषद की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
बीसीसीआई को यह फैसला करने के लिए इसलिए मजबूर होना पड़ रहा है क्योंकिदिल्ली और पुडुचेरी सहित कई राज्य इकाइयों ने विदेशी क्रिकेट बोर्ड विशेषकर एसोसिएट देशों से अपनी टीम की मेजबानी करने के लिए बातचीत की है।
इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ को नेपाल क्रिकेट बोर्ड की तरफ से प्रस्ताव मिला है।
बीसीसीआई के सूत्र ने कहा,‘‘राज्य इकाइयां निश्चित तौर पर क्रिकेट संबंधी गतिविधियों के लिए विदेशी क्रिकेट बोर्ड से गठजोड़ कर सकती हैं लेकिन इस तरह की साझेदारी बीसीसीआई के जरिए होनी चाहिए क्योंकि वह मूल संस्था है।
सभी प्रस्ताव बीसीसीआई के जरिए आगे बढ़ाए जाने चाहिए।’’
शीर्ष परिषद की आगामी बैठक में क्रिकेट मैचों के आयोजन के लिए राज्य इकाइयों का विदेशी बोर्ड के साथ गठजोड़ पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद बीसीसीआई इस पर फैसला करने का अधिकार अपने हाथ में ले लेगा।
नेपाल की टीम इस साल जून में अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले टी20 विश्व कप से पहले भारत के दौरे पर आ सकती है।
नेपाल क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों ने पिछले महीने बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ बैठक की थी।
बीसीसीआई इससे पहले भी एसोसिएट देशों की मदद करता रहा है। एक समय अफगानिस्तान ने भारत को अपना घरेलू स्थल बनाया था। उसने तब देहरादून और ग्रेटर नोएडा में अभ्यास करने के अलावा मैच भी खेले थे।
एसोसिएट देश मदद के लिए केवल भारत ही नहीं बल्कि अन्य पूर्णकालिक सदस्य देशों से भी संपर्क कर रहे हैं। बुधवार को ही श्रीलंका क्रिकेट ने जापान क्रिकेट संघ के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत श्रीलंका जापान में क्रिकेट को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।