भुवनेश्वर। ओलंपिक चैम्पियन बेल्जियम को यदि एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में अपने खिताब का बचाव करने वाली केवल चौथी टीम बनना है तो उसे रविवार को यहां होने वाले फाइनल में जर्मनी के वापसी करने के जज्बे से सावधान रहना होगा।
अभी तक पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी ही विश्वकप में लगातार दो खिताब जीत पाए हैं। विश्व हॉकी में पिछले एक दशक में अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज करने वाला बेल्जियम इस सूची में खुद को शामिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उसने इसी कलिंग स्टेडियम में 2018 में खिताब जीता था।
बेल्जियम के 11 खिलाड़ी 30 वर्ष से अधिक और तीन खिलाड़ी 35 साल से अधिक उम्र के हैं।
उसकी इस टीम ने चार साल पहले विश्वकप और पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। उसके खिलाड़ियों ने दिखा दिया है कि वह पूरी तरह से फिट है और उम्र की तुलना में अनुभव अधिक मायने रखता है।
बेल्जियम की टीम में अधिकतर वही खिलाड़ी शामिल हैं जिन्होंने चार साल पहले विश्वकप और फिर ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।
बेल्जियम की टीम में किसी तरह की खामी निकालना बहुत मुश्किल है। उसकी टीम में तेजतर्रार स्ट्राइकर और दमदार रक्षकों के अलावा पेनल्टी कॉर्नर के अच्छे विशेषज्ञ भी शामिल हैं। उसके पास विन्सेंट वनाश के रूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में शामिल गोलकीपर है।
वर्तमान टूर्नामेंट में बेल्जियम ने अभी तक 18 गोल किए हैं जिनमें से उसके स्टार स्ट्राइकर टॉम बून ने सर्वाधिक सात गोल किए हैं। बेल्जियम ने अभी तक केवल पांच गोल खाए हैं।
विश्व की नंबर दो टीम बेल्जियम को हालांकि जर्मनी की कभी हार नहीं मानने की प्रवृत्ति और वापसी करने के जज्बे से सतर्क रहना होगा। विश्वकप में अभी तक जर्मनी ने दो बार 0-2 से पिछड़ने के बाद वापसी करके जीत दर्ज की और फाइनल में जगह बनाई।
दो बार (2002 और 2006) का चैंपियन जर्मनी क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ दो गोल से पीछे चल रहा था लेकिन उसने आखिरी ढाई मिनट में दो गोल करके स्कोर बराबर किया और फिर पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज की।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार को सेमीफाइनल में भी विश्व की नंबर चार टीम जर्मनी मध्यांतर तक 0-2 से पीछे चल रही थी लेकिन उसका कभी हार नहीं मानने का जज्बा फिर से काम कर गया और उसने खेल समाप्त होने से केवल छह सेकंड पहले गोल करके फाइनल में जगह बनाई।
बेल्जियम के मुख्य कोच मिशेल वान डेल ह्युवेल ने कहा कि जर्मनी की टीम के लिए हमारे दिल में बहुत सम्मान है जो कि टूर्नामेंट में दो बार वापसी करके जीत दर्ज करने में सफल रही। ऐसा करना उनकी खेल संस्कृति का हिस्सा है।’’
बेल्जियम के कप्तान फेलिक्स डेनेयर ने कहा कि जर्मनी का सामना करना आसान नहीं है। उम्मीद है कि हम इस आखिरी मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे। हम उनके खेल का आकलन करके अपनी रणनीति तैयार करेंगे। जर्मनी की टीम 2006 के बाद अपना पहला खिताब जीतने की कोशिश करेंगी। उसका लक्ष्य उन तीन टीमों के क्लब में शामिल होना होगा जिन्होंने यह टूर्नामेंट तीन या इससे अधिक बार जीता है।
जर्मनी के कप्तान मैट्स ग्रामबश ने कहा कि हमें अपनी क्षमता और मानसिक रूप से मजबूती पर भरोसा रखना होगा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हमने जिस तरह से गेंद पर नियंत्रण रखा वह अविश्वसनीय था और हम इसे बरकरार रखना चाहते हैं। हम विश्वकप जीतना चाहते हैं।’’
फाइनल से पहले सेमीफाइनल में हारने वाले ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड के बीच कांस्य पदक का मैच खेला जाएगा।