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ओलंपिक आंदोलन में विशिष्ट योगदान के लिए बिंद्रा ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित

भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलंपिक आंदोलन में उनके ‘विशिष्ट योगदान’ के लिए प्रतिष्ठित ओलंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया गया।
बीजिंग 2008 ओलंपिक खेलों में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में शीर्ष स्थान हासिल करके भारत के पहले ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता बने बिंद्रा को शनिवार को यहां अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के 142वें सत्र के दौरान यह सम्मान प्रदान किया गया।

बिंद्रा ने कहा, ‘‘जब मैं छोटा था तो ये ओलंपिक रिंग्स ही थे, जिन्होंने मेरे जीवन को अर्थ दिया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और दो दशक से अधिक समय तक अपने ओलंपिक सपने को पूरा करने में सक्षम होना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी।

खिलाड़ी के तौर पर अपने करियर के बाद, ओलंपिक आंदोलन में योगदान देने की कोशिश करना मेरे लिए बहुत बड़ा जुनून रहा है। यह मेरे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है।’’

आईओसी खिलाड़ी आयोग के उपाध्यक्ष 41 वर्षीय बिंद्रा ने कहा कि यह पुरस्कार उन्हें और भी अधिक मेहनत करने और ओलंपिक आंदोलन में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगा।

वर्ष 1975 में स्थापित ओलंपिक ऑर्डर ओलंपिक आंदोलन का सर्वोच्च पुरस्कार है। यह ओलंपिक आंदोलन में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। बिंद्रा ने सिडनी 2000 से पांच ओलंपिक में हिस्सा लिया।

उन्होंने पहली बार एथेंस 2004 में अपनी छाप छोड़ी जब उन्होंने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल के फाइनल में जगह बनाई।
बीजिंग 2008 में उन्होंने चीन के गत चैंपियन झू किनान को हराकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने रियो 2016 में भी फाइनल में जगह बनाई लेकिन चौथे स्थान पर रहे। बिंद्रा 2018 से आईओसी खिलाड़ी आयोग का हिस्सा हैं।

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