भारत के पहले ओलंपिक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने जंतर-मंतर पर देश के शीर्ष पहलवानों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि भयावह छवियां देखकर उनकी नींद उड़ गई थी और वह डर गए थे।
विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की।
आंदोलनकारी पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं जिन पर उन्होंने एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने संसद की नई इमारत के समीप उस दिन महिला महापंचायत का आह्वान किया जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था।
बिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘साथी भारतीय पहलवानों के विरोध की भयावह तस्वीरें देखकर कल रात नींद नहीं आई, डरा हुआ था।’’
भारत के सबसे सफल फुटबॉलर सुनील छेत्री और पूर्व भारतीय ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी पहलवानों के खिलाफ कार्रवाई की आलोचना की।
बीजिंग ओलंपिक 2008 में एयर राइफल के स्वर्ण पदक विजेता बिंद्रा ने कहा, ‘‘समय आ गया है कि हम सभी खेल संगठनों में स्वतंत्र सुरक्षा उपायों को लागू करें। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर इस तरह की स्थिति पैदा होती है तो इससे बेहद संवेदनशीलता और सम्मान के साथ निपटा जाए।’’
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने भी पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया।
मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘विश्व कुश्ती में भारत का नाम रोशन करके गौरवपूर्ण स्थान पाने वाली भारतीय बेटियां भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख पर शोषण के गंभीर आरोपों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन करने को मजबूर हैं। इन बेटियों को न्याय दिलाने के लिए केन्द्र सरकार को जरूर आगे आना चाहिए।’’
उत्तर प्रदेश के एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी केंद्र सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खोखले वादे करने का आरोप लगाया।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आज की घटना (जंतर-मंतर पर रविवार की घटना) ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के महिला सम्मान एवं सुरक्षा के सभी नारे खोखले हैं तथा वो केवल महिलाओं के वोट हड़पने के लिए थे।’’
रविवार को पहलवानों ने बैरिकेड को तोड़कर जंतर-मंतर से नए संसद भवन की ओर बढ़ने का प्रयास किया जिसके बाद उनके और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद पहलवानों को हिरासत में लिया गया और दिल्ली में अलग-अलग पुलिस थानों में ले जाया गया।
विनेश ने हिरासत में लिए जाने के प्रयास के दौरान कड़ा प्रतिरोध किया और संगीता उनसे लिपट कर सड़क पर लेट गई।
पहलवानों को सात घंटे हिरासत में रखने के बाद छोड़ दिया गया लेकिन इससे अन्य खेलों के कई खिलाड़ी नाराज हैं।
भारत के फुटबॉल कप्तान छेत्री ने कहा, ‘‘हमारे पहलवानों को बिना सोचे-समझे घसीटे जाने की नौबत क्यों आई? किसी के साथ यह कोई बर्ताव करने का तरीका नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि इस पूरी स्थिति का आकलन किया जाएगा।’’
पठान ने कहा कि इस मुद्दे का तत्काल समाधान निकाला जाना चाहिए।
पठान ने ट्वीट किया, ‘‘मैं अपने खिलाड़ियों के वीडियो देखकर बहुत दुखी हूं। कृपया इसका जल्द से जल्द हल निकालें।