- बॉक्सिंग मुकाबला एक रिंग में होता है, जो 4.9 मी चौड़ी और 7.3 मी लंबी होती है। इसके चारों कोनों के बीच रस्सियां एक ऊंचे कैनवास मैच से जुड़ी होती हैं।
- एक मुकाबले में दो मुक्केबाज कई राउंड में एक-दूसरे का सामना करते हैं, जो आमतौर पर तीन मिनट तक चलता है। एक रेफरी मुकाबले को नियंत्रित करने का काम करता है और वह मुक्केबाजी को बीच में ही रोक सकता है। अगर उसे लगता है कि कोई भी मुक्केबाज मुकाबले को जारी रखने में असमर्थ है। इसके साथ ही रेफरी मुक्केबाजों को लगी चोट या पहने हुए गियर को सही करने के लिए अस्थायी रूप में भी मुकाबले को कुछ देर के लिए रोक सकता है।
- अगर एख मुक्केबाज को मारकर जमीन पर गिरा दिया जाता है। तो इसे नॉकडाउन कहा जाता है और रेफरी 10 तक गिनती गिनना शुरू करता है। अगर रेफरी को लगता है कि किसी मुक्केबाज ने ब्रेक लेने के लिए एक दमदार मुक्का मारा है तो वह सीधे आठ काउंट भी कर सकता है।
- जज हर राउंड से अलग-अलग स्कोर करते हैं और मुक्केबाज को 10 अंक में से उनके मु्क्कों की शक्ति और सटीकता के आधार पर अंक देते हैं। हालांकि, बॉक्सिंग में अक्सर आक्रामकता के आधार पर भी अंक दिए जाते हैं। किसी भी राउंड को हारने वाला आमतौर पर नौ अंक प्राप्त करता है, लेकिन ये आठ भी हो सकता है। अगर विजेता बहुत ज्यादा प्रभावशाली रहा हो या उसने नॉकडाउन स्कोर किया हो। अगर प्रतियोगिता अंत तक चलती है तो ये स्कोरकार्ड ही विजेता को तय करते हैं।
- वहीं भारत की लवलीना बोरगोहेन ने एशियन गेस्म 2023 बॉक्सिंग में महिलाओं के 75 किग्रा के फाइनल में प्रवेश किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत के लिए पेरिस 2024 ओलंपिक कोट भी हासिल किया है। लवलीना के अलावा निकहत जरीन ने महिलाओं के 50 किलोग्राम में पेरिस ओलंपिक के लिए कोटा हासिल किया। साथ ही अंतिम पंघल ने 53 किग्रा और प्रीति पवार ने 54 किलोग्राम और परवीन हुडा ने महिलाओं के 57 किलोग्राम में पेरिस ओलंपिक 2024 कोटा हासिल किया है।
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को मेडल की आस