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Champions Trophy 2025: PCB ने बीसीसीआई से लिखित में मांगा सबूत, कहा- अगर भारत सरकार ने नहीं मंजूरी…

अगले साल पाकिस्तान में खेली जाने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच खींचतान जारी है। वहीं अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि बीसीसीआई इस बात का लिखित में सबूत दे कि भारत सरकार ने अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी के लिए सुरक्षा कारणों से टीम को पाकिस्तान जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने पीसीबी के एक सूत्र के हवाले से ये खबर दी है। 
वहीं इससे पहले पीसीबी ने कथित तौर पर धमकी दी थी कि अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने से इनकार करती है, तो वह भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होने वाली 2026 टी20आई वर्ल्ड कप का बहिष्कार करेगा। पीसीबी ये सारी कवायद इसलिए कर रहा है कि क्योंकि चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को पूरी तरह से अपने क्षेत्र में आयोजित कराना चाहते हैं। मामला राजस्व से भी जुड़ा हुआ है। 

आईसीसी कॉन्फ्रेंस के एजेंडे में हाइब्रिड मॉडल नहीं
वहीं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड चाहता है कि मामला जल्दी से सुलझाया जाए, क्योंकि टूर्नामेंट अगले साल फरवरी-मार्च में होना है। आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस 19 जुलाई को कोलंबो में होगी जिसमें हाइब्रिड मॉडल पर चर्चा एजेंडे में नहीं है। इसके तहत भारतीय टीम अपने मैच यूएई में खेलेगी। 
पीसीबी के एक सूत्र ने कहा कि, अगर भारत सरकार ने अनुमति नहीं दी है तो उसे लिखित में देना होगा और बीसीसीआई को चाहिए कि आईसीसी को वह पत्र तत्काल दे। हम लगातार कह रहे हैं कि बीसीसीआई 5-6 महीने पहले टूर्नामेंट के लिए टीम के पाकिस्तान जाने के बारे में आईसीसी को लिखित में सूचित करे। 
पाकिस्तान में खेलने का फैसला सरकार लेगी- BCCI
बीसीसीआई हमेशा से कहता आया है कि पाकिस्तान में खेलने का फैसला सरकार का होगा। साल 2023 वनडे एशिया कप में भी भारत के मैच हाइब्रिड मॉडल पर श्रीलंका में खेले गए थे। पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी के कार्यक्रम का मसौदा आईसीसी को सौंप दिया है। जिसमें भारत के सारे मैच, सेमीफाइनल और फाइनल लाहौर में होंगे। 
भारत और पाकिस्तान का मुकाबला एक मार्च 2025 को होना है। टूर्नामेंट 19 फरवरी को कराची में शुरू होगा और फाइनल 9 मार्च 2025 को लाहौर में होगा। फाइनल में एक दिन रिजर्व का होगा। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, टीम इंडिया पाकिस्तान नहीं जाने वाली है। ऐसी स्थिति में आईसीसी प्रबंधन अतिरिक्त बजट आवंटन कर सकता है।

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