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Chess World Cup Final: प्रज्ञानंद का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूटा, विश्व विजेता बनें कार्लसन

भारत के 18वर्षीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानंद और नॉर्वे के पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन मैग्नस कार्लसन के बीच फिडे वर्ल्ड कप फाइनल खेला गया। जिसमें प्रज्ञानंद का वर्ल्ड कप चैंपियन बनने का सपना टूट गया। जबकि कार्लसन ने बेहतरीन जीत हासिल कर खिताब अपने नाम किया। 

फाइनल में पहले दो राउंड खेले जा चुके हैं और ये दोनों गेम ड्रॉ पर समाप्त हुए। इसके बाद टाईब्रेकर से नतीजा निकला। हालांकि, इस दौरान प्रज्ञानंद ने दोनों बाजियों में 32 वर्षीय कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। दोनों के बीच पहली बाजी में 34 चालों तक खेल हुआ। लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया। दूसरी बाजी में दोनों के बीच 30 चालें चली गईं। दोनों बाजी ड्रॉ होने के बाद टाईब्रेकर से नतीजा निकला जो कि, कार्लसन के पक्ष में रहा। 

 कार्लसन ने इस तरह जीता फाइनल
 
वहीं बता दें कि,  कार्लसन ने टाईब्रेकर का पहला गेम जीतकर प्रज्ञानंदा के खिलाफ 1-0 की बढ़त बनी थी। प्रज्ञानंदा के पास पहले गेम में समय खत्म हो चुका था। जबकि कार्लसन के पास काफी समय बचा हुआ था। 
 

पहले रैपिड राउंड में प्रज्ञानानंदा ने 25 मूव के बाद कार्लसन पर दबाव बनाया । प्रज्ञानानंद के पास काफी समय बचा हुआ था लेकिन 27 मूव के बाद दोनों के पास चार से कम मिनट का समय बचा था।

गौरतलब है कि, बुधवार को दूसरी बाजी खेली गई थी। इस बार दोनों के बीच 30 चालें चली गईं और ये भी ड्रॉ पर खत्म हुई। शुरुआती दोनों बाजी ड्रॉ होने के बाद आज टाई ब्रेकर से नतीजा निकला। टाईब्रेकर के तहत प्रज्ञानंद और कार्लसन के बीच 2 बाजियां खेली गईं। 

इस तरह कार्लसन ने पहली बार ये खिताब अपने नाम किया है। अब वर्ल्ड कप खिताब जीतने पर उन्हें बतौर इनाम एक लाख 10 हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे।  

सेमीफाइनल में फाबियानो को पछाड़ा  

 प्रज्ञानंद ने  सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराया था। गौरतलब है कि, प्रज्ञानानंद फाइनल में पहुंचने वाले महज दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले ये उपलब्धि विश्वनाथ आनंद ने अपने नाम की थी। 

 

 

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