टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के सेमीफाइनल से बाहर होने के कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा पूरी चयन समिति को भंग करने के दो महीने बाद चेतन शर्मा को शनिवार को वरिष्ठ चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त किया गया।
चेतन की नयी टीम में हालांकि पूरी तरह से नये चेहरे होंगे। दक्षिण क्षेत्र के चयनकर्ताओं के जूनियर अध्यक्ष एस शरत को पदोन्नत किया जाएगा। समिति में शामिल अन्य लोगों में पूर्वी क्षेत्र के पूर्व तेज गेंदबाज सुब्रतो बनर्जी, पश्चिम क्षेत्र के सलिल अंकोला और मध्य क्षेत्र के टेस्ट सलामी बल्लेबाज शिव सुंदर दास शामिल हैं।
दास ने ओडिशा के लिए खेलने के बाद विदर्भ का प्रतिनिधित्व किया था इसलिए वह पूर्व खिलाड़ी होने के बाद भी मध्य क्षेत्र के प्रतिनिधित्व के लिए योग्य थे।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने दास के मध्य क्षेत्र से चुने जाने के फैसले का बचाव करते हुए कहा, ‘‘ मध्य और पूर्व दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां से ज्यादा योग्य नाम नहीं आये। इसलिए बीसीसीआई को सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध विकल्प का उपयोग करना पड़ा। दास के विदर्भ प्रतिनिधित्व ने उन्हें मध्य क्षेत्र से पात्र बना दिया।’’
इसके अलावा बंगाल के राणादेव बोस जूनियर समिति में है। उन्होंने कहा, ‘‘ सुब्रतो बंगाल के लिए खेले थे, लेकिन उन्होंने बंगाल से ज्यादा क्रिकेट तत्कालीन बिहार के लिए खेला था।’’
चेतन के सहयोगी हरविंदर सिंह ने भी फिर से आवेदन किया, लेकिन साक्षात्कार के बाद उन पर विचार नहीं किया गया
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ बोर्ड ने चयनसमिति के पांच पदों के लिए 18 नवंबर 2022 को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर विज्ञापन जारी किया था जिसके जवाब में लगभग 600 आवेदन प्राप्त हुए थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ उचित विचार-विमर्श और आवेदनों को सावधानीपूर्वक परखने के बाद क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए 11 व्यक्तियों को शॉर्टलिस्ट किया। साक्षात्कार के आधार पर सीएससी ने पुरुषों की राष्ट्रीय चयन समिति के लिए निम्नलिखित उम्मीदवारों की सिफारिश की है।’’
यह उल्लेख किया जाना चाहिए कि दास और चेतन दोनों ने समान संख्या में 23-23 टेस्ट खेले है लेकिन चेतन के 65 एकदिवसीय मैच के मुकाबले दास ने सिर्फ चार एकदिवसीय मैच खेले है। चेतन का टेस्ट करियर 1984 में शुरू हुआ था जबकि दास ने 2000 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था।
तमिलनाडु के पूर्व कप्तान शरत की बात करें उन्हें जूनियर क्रिकेट के खिलाड़ियों को परखने का अच्छा अनुभव है। वह इस पैनल में में इकलौते ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने भारत के लिए नहीं खेला है।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘‘ शरत प्रतिभा परखने के मामले में शानदार है। उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट को करीब से देखा है। जूनियर खिलाड़ियों के कौशल के बारे में उनकी समझ अच्छी है।
बनर्जी ने पिछली बार भी आवेदन किया था लेकिन देबाशीष मोहंती से हार गए थे। बनर्जी एक प्रतिष्ठित गेंदबाजी कोच रह चुके हैं और वर्तमान भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव के निजी कोच भी हैं।
वह विदर्भ की रणजी ट्रॉफी विजेता टीम के गेंदबाजी कोच थे।
जहां तक अंकोला का सवाल है तो मुंबई जैसी प्रथम श्रेणी कर बड़ी टीम के चयनकर्ताओं के अध्यक्ष होने के उनके अनुभव ने उनके पक्ष में काम किया।