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राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप: मीराबाई के बिना भी भारतीय भारोत्तोलकों का दबदबा रहने की उम्मीद

ग्रेटर नोएडा। ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू के बिना भी मेजबान भारत को बुधवार से यहां शुरू हो रही राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में बड़ी संख्या में पदक मिलने की उम्मीद है।
राष्ट्रमंडल खेल और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में हमेशा भारत का दबदबा रहा है। इसमें चीन और उत्तर कोरिया जैसे दिग्गज भाग नहीं लेते।
राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप 2011 के बाद से भारत ने 2013 और 2021 को छोड़कर इसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। पिछली बार भारत ने 16 पदक जीते थे लेकिन स्वर्ण पदक कम होने के कारण कनाडा के बाद दूसरे स्थान पर रहा।
इस साल भारतीय भारोत्तोलक उस कमी को पूरी करना चाहेंगे और अपने देश में खेलने का उन्हें फायदा भी मिलेगा।

तोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई , युवा ओलंपिक चैम्पियन जेरेमी लालरिनुगा, राष्ट्रमंडल पदक विजेता अचिंता शेउली, बिंदियारानी देवी और संकेत सरगर अलग अलग कारणों से इसमें भाग नहीं ले रहे हैं। इसके बावजूद 20 सदस्यीय भारतीय दल में कई पदक उम्मीदें हैं।
इनमें से कई 2021 में कामयाब रहे और उजबेकिस्तान में पदक जीते थे।
पूर्व एशियाई चैम्पियन झिल्ली डालाबेहेरा 45 किलो में और 2022 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप रजत पदक विजेता ज्ञानेश्वरी देवी 49 किलोवर्ग में उतरेंगी।
पॉपी हजारिका (59 किलो) और राष्ट्रमंडल खेल कांस्य पदक विजेता हरजिंदर कौर (71 किलो) तथा लवप्रीत सिंह (109 किलो) अपने रजत पदक को स्वर्ण में बदलना चाहेंगे।
दो बार के चैम्पियन अजय सिंह की नजरें स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पर होगी।

एशियाई खेलों में भाग लेने जा रहे एन अजीत (73 किलो) के भारवर्ग में शेउली इस बार नहीं खेल रहे हैं लिहाजा वह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश में होंगे।
भारत में यह टूर्नामेंट दूसरी बार हो रहा है।इससे पहले 2015 में पुणे में इसका आयोजन हुआ था। इसमें 253 भारोत्तोलक सीनियर, जूनियर और युवा वर्ग में खेलेंगे जिनमें 52 भारतीय हैं।
गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में इस टूर्नामेंट के बा

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द एडब्ल्यूएफ एशियाई जूनियर और युवा भारोत्तोलन चैम्पियनशिप भी होनी है।

भारतीय टीम :
महिला : कोमल कोहार (45 किलो), झिल्ली डालाबेहेरा (49 किलो), ज्ञानेश्वरी यादव (49 किलो), शरबानी दास (55 किलो), पॉपी हजारिका (59 किलो), निरूपमा देवी (64 किलो),एस पल्लवी (64 किलो), हरजिंदर कौर (71 किलो), वंशिता वर्मा (81 किलो) , पूर्णिमा पांडे (प्लस 87 किलो)
पुरूष : मुकुंद अहीर (55 किलो), टी माधवन (67 किलो), शुभम टोडकर (61 किलो), एन अजीत (73 किलो), अजय सिंह (81 किलो), अमरजीत गुरू (89 किलो), विश्वकर्मा जगदीश (96 किलो), हर्षद वाडेकर (96 किलो), हरचरण सिंह (102 किलो), लवप्रीत सिंह (109 किलो)।

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