भारत में शनिवार को फॉर्मूला ई रेसिंग के पहले आयोजन में शीर्ष तीन स्थान पर रहने वाले चालक जीत के जश्न को शैंपेन की जगह ‘कॉन्फेटी कैनन’ से मनायेंगे।
‘कॉन्फेटी कैनन’ से रंग-बिरंगे कागज या चमकीले पॉलीथीन के टुकड़े बाहर निकलते है।
मोटर स्पोर्ट्स में जीत के जश्न को शैंपेन की बोतल को खोलकर मनाने की दशकों पुरानी परंपरा रही है। ‘पीटीआई-भाषा’ को हालांकि पता चला है कि ‘स्थानीय रीति-रिवाजों’ को ध्यान में रखते हुए हैदराबाद रेस के सभी हितधारक प्रमोटर ग्रीनको, तेलंगाना सरकार, फॉर्मूला ई और इसके शैंपेन प्रयोजक ‘मोएट एंड चंदन’ ने पोडियम पर इस पेय पदार्थ का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है।
शैंपेन में आम तौर पर शराब का मिश्रण होता है और इस्लाम मानने वाले देशों में इस जश्न को ऐसे पेय पदार्थ के साथ मनाया जाता है जिसमें शराब न हो।
रेस से पहले कार चालकों ने ट्रैक के तीसरे मोड़ के खतरनाक होने पर चिंता जताई है। चालकों का कहना है कि तीसरे मोड़ में कार को मोड़ने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है और अगर मोड़ पर तेज रफ्तार कार पर नियंत्रण नहीं रहा तो यह दीवार से टकरा जायेगी। यहां सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं है।