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Indonesia Masters जीतने के बाद Kiran George ने बताया सफलता का राज, जानें किसे दिया श्रेय

नयी दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किरण जॉर्ज ने कहा कि इस साल की शुरुआत में थाईलैंड ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट में बड़े खिलाड़ियों के खिलाफ उलटफेर करने से उनका आत्म विश्वास बढ़ा और इसने उन्होंने इंडोनेशिया मास्टर्स में करियर के दूसरे बीडब्ल्यूएफ खिताब जीतने में मदद की।
कोच्चि के 23 वर्षीय खिलाड़ी ने इस साल की शुरुआत में थाईलैंड ओपन सुपर 500 में 2018 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता और पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन शी युकी और मलेशिया मास्टर्स के उपविजेता और ऑस्ट्रेलियाई ओपन विजेता वेंग होंगयांग को हराकर काफी सुर्खियां बटोरी थी।

किरण ने इंडोनेशिया में चैम्पियन बनने के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘ इस साल के शुरूआती दो – तीन महीनों में मैं अपनी लय को लेकर संघर्ष कर रहा था लेकिन बाद में थाईलैंड में मैंने अच्छा खेलना शुरू किया। मैंने इस दौरान कुछ बड़े खिलाड़ियों को भी हराया और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा कि मैं किसी को भी हरा सकता हूं। इस विश्वास और निरंतरता ने मुझे इस टूर्नामेंट को जीतने में मदद की।’’
पिछले साल ओडिशा ओपन सुपर 100 में अपना पहला खिताब जीतने वाले किरण ने इंडोनेशिया मास्टर्स के 56 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में दुनिया के 82वें नंबर के खिलाड़ी जापान के कू ताकाहाशी को 21-19, 22-20 से हराया।

किरण ने कहा, ‘‘ मेरे लिए यह टूर्नामेंट बहुत अच्छा रहा। यह आसान नहीं था क्योंकि पहले मैच से ही कठिन मुकाबले थे, लेकिन पहली बाधा पार करने के बाद मैंने लय को बरकरार रखने में सफल रहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इस टूर्नामेंट में उनके लिए सबसे कठिन मैच जापान के ताकुमा ओबायाशी  के खिलाफ था। यह प्री-क्वार्टर फाइनल मैच था, जो काफी लंबा खिंचा था।’’
किरण ने 59 मिनट तक चले इस मैच को 18-21, 21-19, 21-19 से अपने नाम किया था।

फाइनल मैच में जापान के एक अन्य खिलाड़ी ताकाहाशी को हराने के बारे में पूछे जाने पर  किरण ने कहा, ‘‘ उसका रक्षण और शटल को वापस करने का तरीका शानदार है। हमनें इस मैच में बहुत सारी लंबी रैलियां खेली लेकिन मैंने अपना संयम बनाए रखा और गलती न करने की कोशिश की। मुझे खुद पर भरोसा था। ’’
पूर्व राष्ट्रीय चैंपियन जॉर्ज थॉमस के बेटे किरण ने अब मंगलवार से शुरू होने वाले हांगकांग सुपर 500 के क्वालीफायर में चुनौती पेश करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं हांगकांग जा रहा हूं और मेरा ध्यान वहां अच्छा करने पर है।

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