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Champions Trophy 2025 : ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का आज होगा आमना-सामना, बल्लेबाजों के अनुकूल रहेगी लाहौर की पिच

लगभग आठ साल बाद हो रही आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में क्रिकेट फैंस को एक से बढ़कर एक रोमांचक मैच देखने को मिल रहे हैं। फैंस को निश्चित तौर पर कल होने वाले भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले कांटे के मैच का इंतजार है। लेकिन उससे पहले फैंस को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मैच का रोमांच देखने को मिलेगा। इस क्रिकेट राइवलरी क्रिकेट इतिहास की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित प्रतिद्वंद्विता मानी जाती है। यह जंग 19वीं सदी में शुरू हुई थी और आज तक क्रिकेट प्रेमियों के बीच रोमांच और उत्साह बनाए रखती है।
जोस बटलर की अगुवाई वाली इंग्लैंड की टीम पर भारत के खिलाफ 3-0 से सीरीज हारने के बाद दबाव है। टीम पिछली चार वनडे सीरीज हार चुकी है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आज के मुकाबले में टीम जीत की राह पर लौटने और चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने पर ध्यान देगी। इंग्लैंड की टीम को अपने टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों से बड़े प्रदर्शन की उम्मीद होगी, जबकि पेसर जोफ्रा आर्चर की वापसी उनके बॉलिंग अटैक को काफी बढ़ावा देगी।
लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में होगा मैच
इस टूर्नामेंट के लिए नये सिरे से तैयार हुए गद्दाफी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड पहली बार किसी वनडे मैच में आमने-सामने होंगे। इस स्टेडियम की पिच आम तौर पर बल्लेबाजों के अनुकूल होती है। पिच पर तेज गेंदबाजों के लिए सीम मूवमेंट कम होगा, जिससे बल्लेबाज को बाउंस और स्पीड का सामने से दिक्कत नहीं होगी। ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी करने का लुत्फ उठा सकती है।
रिकॉर्ड में कंगारू टीम आगे
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने अब तक 160 वनडे मैचों में एक दूसरे का सामना किया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी है। ऑस्ट्रेलिया ने जहां 90 मैच जीते हैं, वहीं इंग्लैंड 65 बार मैच जीतने में कामयाब रहा है। इसके अलावा दो मैच टाई रहे हैं, जबकि तीन मैचों का नतीजा नहीं निकल सका।
पेस तिकड़ी के बिना उतरेगी ऑस्ट्रेलिया की टीम
स्टीव स्मिथ की अगुवाई में ऑस्ट्रेलिया की टीम की राह आसान नहीं रहने वाली है। जहां टीम में पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड जैसे अनुभवी खिलाड़ी नहीं हैं। हालांकि ट्रेविस हेड, ग्लेन मैक्सवेल और मार्नस लाबुशेन की मौजूदगी में कंगारू टीम किसी भी टीम को चुनौती देने की क्षमता रखती है। टीम के खिलाड़ियों को पाकिस्तान की परिस्थितियों में ढलना जरूरी होगा, क्योंकि उनके कई खिलाड़ी वहां की पिचों से परिचित नहीं हैं।

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