भारतीय डेविस कप टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ ग्रास कोर्ट पर खेले जाने वाले आगामी डेविस कप मुकाबले के लिए कड़ाके की ठंड में आयोजित शिविर में तैयारी शुरू कर दी है।
इस तैयारी शिविर में टीम का ध्यान अभ्यास के साथ दूसरे एकल मुकाबले को खेलने वाले खिलाड़ी को तय करने पर होगा।
देश के शीर्ष एकल खिलाड़ी सुमित नागल (137वीं रैंकिंग) और शशिकुमार मुकुंद (463वीं रैंकिंग) ने इस्लामाबाद में तीन और चार फरवरी को होने वाले मुकाबले से अपना नाम वापस ले लिया है।
उनकी अनुपस्थिति का मतलब है कि रामकुमार रामनाथन टीम में एकमात्र एकल विशेषज्ञ खिलाड़ी हैं।
कप्तान रोहित राजपाल को दूसरा एकल खेलने के लिए युकी भांबरी और एन श्रीराम बालाजी में से किसी एक को चुनना होगा।
एटीपी युगल रैंकिंग में 61 वें स्थान पर काबिज भांबरी टीम के सर्वोच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ी हैं। उनका युगल मुकाबला खेलना लगभग निश्चित है।
भारत के सर्वश्रेष्ठ युगल खिलाड़ी अनुभवी रोहन बोपन्ना ने डेविस कप से संन्यास ले लिया है।
टीम के पास निकी पुनाचा भी एक विकल्प हैं लेकिन उनकी रैंकिंग 783 है। टीम उन्हें एकल में उतारने के जोखिम से बचना चाहेगी।
भांबरी और बालाजी दोनों ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन में प्रतिस्पर्धा करने के बाद सीधे मेलबर्न से यात्रा की और एक दिन की छुट्टी ली।
रामकुमार, पूनाचा और साकेत माइनेनी ने ढाई घंटे तक चले हल्के अभ्यास सत्र में हिस्सा लिया।
‘नेशनल टेनिस सेंटर (एनटीसी)’ में इन तीनों खिलाड़ियों को ‘ वॉर्म अप ’ में मदद कराने के लिए उदित कंबोज और मान केसरवानी के रूप में दो सहयोगी मिले हुए थे।
राजपाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ ये सभी खिलाड़ी टूर्नामेंट में भाग लेकर आ रहे है। हमारी योजना अच्छे से अभ्यास करने की है। घसियाले कोर्ट पर अलग तरह की लय की जरूरत होती है। इसमें काफी दौड़ना होता है और नेट का अच्छे से इस्तेमाल करना होता है। हम जैसे-जैसे आगे बढ़ेंगे वैसे लय हासिल करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम अपने दूसरे एकल खिलाड़ी का फैसला दो-तीन दिन में कर लेंगे। मैंने खिलाड़ियों को घास वाले कोर्ट पर खेलते देखा है।’’
राजपाल ने कहा, ‘‘ पाकिस्तान ने ग्रास कोर्ट पर बेहतर टीमों को शिकस्त दी है, ऐसे में हमें अपनी तैयारी दुरुस्त करनी होगी और किसी भी चीज को हलके में नहीं लेना होगा। उनके खिलाड़ी घास के कोर्ट का इस्तेमाल करना जानते है। हमें इससे सामंजस्य बिठाना होगा। हम उसी के अनुसार अपनी तैयारी की योजना बना रहे हैं, बहुत सारे अभ्यास उसी पर आधारित हैं।
भारतीय कोच जीशान अली ने भी माना कि खिलाड़ियों के लिए ग्रास कोर्ट से सामंजस्य बिठाना चुनौतीपूर्ण होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ इन खिलाड़ियों को घास पर ज्यादा खेलने का मौका नही मिलता है। सतह से सामंजस्य बिठाना सफलता की कुंजी है। इस शिविर में हम इसी पर काम करेंगे।