शिखर धवन एकदिवसीय टीम की कप्तानी करने के तीन महीने से भी कम समय में भारतीय टीम से बाहर हो गये लेकिन इस 37 साल के सलामी बल्लेबाज ने साल के अंत में विश्व कप खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है।
एकदिवसीय में भारत के बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक धवन को बांग्लादेश दौरे पर तीन मैचों में खराब बल्लेबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ा।
इस बायें हाथ के बल्लेबाज ने इससे पहले नवंबर में न्यूजीलैंड दौरे पर टीम का नेतृत्व किया था जब रोहित शर्मा और लोकेश राहुल को विश्राम दिया गया था।
धवन की जगह टीम में आये युवा बल्लेबाज शुभमन गिल ने सात मैचों में एक दोहरा शतक सहित चार शतक जड़ कर मौके का पूरा फायदा उठाया।
भारत में पहली फॉर्मूला ई रेसिंग के मौके पर धवन ने पीटीआई-से कहा, ‘‘ यह (उतार चढ़ाव) जीवन का हिस्सा हैं। समय के साथ, अनुभव के साथ आप सीखते हैं कि उन्हें आसानी से कैसे संभालना है। मुझे इससे बहुत ताकत मिलती है। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। अगर कोई मेरे सर्वश्रेष्ठ से बेहतर कर रहा है, तो उससे मुझे कोई शिकायत नहीं।’’
इस वामहस्त बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ इसलिए वह व्यक्ति टीम में है और मैं वहां नहीं हूं। मैं जहां भी हूं, बहुत खुश और संतुष्ट हूं। मैं सुनिश्चित करता हूं कि मेरी प्रक्रिया मजबूत हो। निश्चित रूप से मेरे वापस टीम में आने का मौका हमेशा रहता है।’’
भारत के लिए 34 टेस्ट, 167 एकदिवसीय और 68 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ अगर मुझे फिर से टीम में मौका मिलता है तो यह मेरे लिए अच्छा होगा, अगर ऐसा नहीं होता है तो भी यह अच्छा है। मैंने काफी कुछ हासिल किया है और अपनी उपलब्धि से खुश हूं। जो मेरे हिस्से का होगा वह मुझे मिलेगा, मैं किसी चीज को लेकर बेताब नहीं होता हूं।’’
धवन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच 2018 और टी20 अंतरराष्ट्रीय 2021 में खेला था। वह इसके बाद से एक प्रारूप में ही खेलते थे। धवक का ध्यान फिलहाल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आगामी सत्र पर है जहां वह पंजाब किंग्स टीम की कप्तानी करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘आईपीएल के लिए मेरी तैयारी अच्छी चल रही है। मैं दस दिनो के लिए बेंगलुरु (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) में था। मेरा ध्यान फिटनेस हासिल करने पर था। आईपीएल के मद्देनजर मैं मोहाली में 24 फरवरी से टीम शिविर में शामिल होउंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं टीम के नेतृत्व करने का इंतजार कर रहा हूं।