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दिव्या देशमुख शतरंज चैंपियनशिप में बनी चैंपियन, जीता गोल्ड मेडल

भारत की दिव्या देशमुख रविवार को यहां एशियाई महाद्वीपीय शतरंज चैम्पियनशिप की महिला शास्त्रीय स्पर्धा में चैंपियन बनीं है। इस मुकाबले में उन्होंने मैरी एन गोम्स को मात दी है। मैरी गोम्स मुकाबले की उपविजेता रही। 17 वर्षीय दिव्या ने कजाकिस्तान की ज़ेनिया बालाबायेवा के साथ नौवें और अंतिम राउंड को ड्रा किया। मुकाबला ड्रॉ होने के साथ ही दिव्या देशमुख 7.5 अंकों के साथ शीर्ष पर रहीं और चैंपियनशिप विजेता बन गई।
 
इस टूर्नामेंट की विजेता बनने के साथ ही दिव्या देशमुख को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। उपविजेता मैरी को सिल्वर मेडल मिला है। बता दें कि दिव्या देशमुख ने वर्ष की शुरुआत में ही लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय महिला शतरंज का ताज अपने पास ही बरकरार रखा है।
 
मैरी ने हासिल किया दूसरा स्थान
इस मुकाबले में मैरी ने भी फाइनल राउंड में ड्रा खेला। उन्हें दूसरे राउंड के बाद 6.5 अंक मिले और वो दूसरे स्थान पर रही। दिव्या ने डब्ल्यूआईएम मेरुर्ट कमलिडेनोवा (कजाकिस्तान) को अंतिम दौर में आसानी से हरा दिया था। भारतीय खिलाड़ी साक्षी चितलंगे 5.5 अंकों के साथ सातवें स्थान पर रहीं। अन्य भारतीयों में पीवी नंदीधा (5 अंक) और आशना मखीजा (5) अंक मिले, जिसके साथ दोनों ही खिलाड़ी क्रमश: 13वें और 14वें स्थान पर रहीं।
 
ओपन इवेंट में, जीएम अभिमन्यु पुराणिक, जो पदक की दौड़ में थे, अंतिम दौर में जा रहे थे। केवल Azamat Utegaliyev के खिलाफ ड्रॉ करने में कामयाब रहे। वह 6.5 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे। शीर्ष वरीय के रूप में शुरुआत करने वाले भारतीय जीएम अर्जुन एरिगैसी 6.5 अंकों के साथ छठे स्थान पर रहे और एसपी सेथुरमन सातवें स्थान पर रहे। उज्बेकिस्तान के जीएम शमसीद्दीन वोखिदोव ने शीर्ष स्थान हासिल किया।
 
बीते वर्ष भी जीता था खिताब
बता दें कि 48वीं राष्ट्रीय महिल शतरंज चैंपियनशिप में 17 वर्षीय दिव्या विजेता रही थी। इस वर्ष लगातार दूसरे वर्ष भी वो 64 वर्ग में शीर्ष पर है। बीते वर्ष भुवनेश्वर में दिव्या ने सीनियर राष्ट्रीय खिताब जीता था।

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