महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को कहा कि रणजी ट्रॉफी में खेलने से राष्ट्रीय खिलाड़ियों को बुनियादी चीजों की ओर लौटने का मौका मिलता है और साथ ही घरेलू टूर्नामेंट का स्तर भी ऊंचा होता है।
बीसीसीआई ने हाल ही में अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय ड्यूटी पर या एनसीए में नहीं होने पर घरेलू रेड-बॉल क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया है।
बीसीसीआई ने इशान किशन और श्रेयस अय्यर को अपनी केंद्रीय अनुबंध सूची से बाहर कर दिया क्योंकि वे अपनी राज्य टीम के संबंधित रणजी ट्रॉफी खेलने से चूक गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारतीय खिलाड़ी अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलते हैं, तो इससे युवाओं के खेल की गुणवत्ता बढ़ती है और कभी-कभी नई प्रतिभा की पहचान होती है।’’
तेंदुलकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘इससे राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी को कभी-कभी बुनियादी बातों को फिर से खोजने का मौका मिलता है।
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘ मैंने अपने पूरे करियर के दौरान, जब भी मौका मिला, मैं मुंबई के लिए खेलने को लेकर जुनूनी रहा। जब मैं युवा था उस समय भी हमारे ड्रेसिंग रूम में लगभग सात आठ भारतीय खिलाड़ी थे और उनके साथ खेलना मजेदार था।’’
तेंदुलकर का मानना कि अपने राज्य की टीमों के लिए स्टार भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी से घरेलू टूर्नामेंटों में भी अधिक रुचि पैदा होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘समय के साथ घरेलू टूर्नामेंटों में शीर्ष स्तर के खिलाड़ियों के भाग लेने से, प्रशंसक भी अपनी घरेलू टीमों का अधिक अनुसरण और समर्थन करना शुरू कर देंगे। बीसीसीआई के द्वारा घरेलू क्रिकेट को समान प्राथमिकता देते देखना अद्भुत है।