भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बुधवार को कहा कि मध्यक्रम के बल्लेबाज श्रेयस अय्यर अगर पांच दिन के मैच के कार्यभार को झेलने की स्थिति में होंगे तो अपने पिछले प्रदर्शन के आधार पर टेस्ट टीम में ‘वापसी’ करेंगे।
अय्यर को पिछले महीने श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की श्रृंखला के दौरान पीठ के निचले हिस्से में चोट लगी थी। वह पिछले एक महीने से राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन (चोट से उबरने की प्रक्रिया) कर रहे थे। इस चोट के कारण वह श्रृंखला के पहले टेस्ट की टीम में जगह नहीं बना सके थे और उनके स्थान पर सूर्यकुमार यादव को अंतिम एकादश में शामिल किया गया था।
द्रविड़ ने अय्यर के टेस्ट के लिए जरूरी फिटनेस के बारे में खुल कर नहीं बताया लेकिन उन्होंने टीम प्रबंधन के उस विचार को साझा जिसके मुताबिक कोई भी अच्छा प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी अगर चोट के बाद वापसी करता है तो उसे टीम में स्वत: ही अपनी जगह वापस मिल जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसी का चोट से उबरकर वापस आना हमेशा अच्छा होता है। हम चोटों के कारण किसी खिलाड़ी को खोना पसंद नहीं करते हैं और यह किसी टीम के लिए अच्छा नहीं है। इस मामले में हम अभ्यास सत्र के बाद कुछ फैसला करेंगे।’’
द्रविड़ और टीम का चिकित्सा दल गुरुवार को दूसरे और आखिरी ट्रेनिंग सत्र के बाद अय्यर की मैच फिटनेस का आकलन करेगा।
कोच ने कहा, ‘‘उसने आज कुछ अभ्यास किया है। हम कल फिर से इसका आकलन करेंगे और देखेंगे कि वह कैसा महसूस कर रहा हैं। अगर वह इसके लिए तैयार होगा तो टीम में उसे जगह मिलेगी।’’
अय्यर ने 32 दिनों से कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला है और बिना किसी अभ्यास मैच के टेस्ट मैच में उतरना उनके शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
द्रविड़ ने हालांकि कहा कि टीम में शामिल किसी खिलाड़ी की जगह लेने वाले खिलाड़ी ने अगर शतक लगाया हो या पांच विकेट चटकाये हो तब भी चोट से वापसी पर उसे अंतिम एकादश में जगह मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हां, ऐसा नहीं है कि यह पत्थर लिखा कोई नियम है लेकिन निश्चित रूप से, हम उन लोगों के योगदान को महत्व देते हैं जो वहाँ रहे हैं और चोट के कारण टीम से बाहर हो गए हैं। वे वापस आने के टीम में जगह पाने के हकदार हैं।