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पहला लक्ष्य Asia में नंबर एक बनना , कहा नये हॉकी कोच फुल्टन ने

भारत की पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन को पद संभाले हुए अभी महज दो सप्ताह से अधिक का समय हुआ है लेकिन उनके लक्ष्य स्पष्ट हैं- भारत को एशिया में नंबर एक टीम बनाना और अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना।
पिछले पांच साल में बेल्जियम हॉकी के उत्थान के साक्षी रहे फुल्टन चाहते हैं कि भारत पहले एशियाई हॉकी में दबदबा बनाये और फिर विश्व स्तर पर आगे बढे।
दक्षिण अफ्रीका के रहने वाले फुल्टन चाहते हैं कि भारत का एशिया में लगातार दबदबा बना रहे और फिर अपने इस प्रदर्शन को वह विश्व स्तर पर दोहराए।

फुल्टन ने वर्चुअल मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा,‘‘ मैं भारत को एशिया में नंबर एक टीम बनाना चाहता हूं। निश्चित तौर पर यह उन लक्ष्यों में शामिल है जिन्हें हम हासिल करना चाहते हैं। हम लगातार उस स्थान पर बने रहना चाहते हैं और फिर आगे बढ़ना चाहते हैं। अगर आप विश्व रैंकिंग में चौथे या पांचवें स्थान पर रहते हैं तो आपको शीर्ष पर पहुंचने के लिए निरंतर प्रयास करने होते हैं।’’
उन्होंने कहा,‘‘ और जब आपके पास पर्याप्त अनुभव होता है और सभी खिलाड़ियों के लिए अनुकूल रणनीति होती है तो आप निश्चित तौर पर फाइनल में पहुंचने की कोशिश करते हैं और उसमें जीत दर्ज करना चाहते हैं।’’

फुल्टन 2014 से 2018 के बीच आयरलैंड टीम के मुख्य कोच थे जब टीम ने रियो ओलंपिक 2016 के लिये क्वालीफाई किया। यह सौ साल में पहली बार हुआ था जब आयरलैंड की हॉकी टीम ओलंपिक खेली। उन्हें इसके लिये 2015 का वर्ष का सर्वश्रेष्ठ कोच भी चुना गया था। वह ओलंपिक चैम्पियन बेल्जियम के सहायक कोच भी रहे जिसने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता।
भुवनेश्वर में 2018 विश्व कप जीतने वाली बेल्जियम टीम के कोचिंग स्टाफ में भी वह थे।
फुल्टन ने कहा,‘‘ हमारी प्राथमिकता एशियाई खेलों के जरिए पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है। यह हमारी पहली प्राथमिकता है।

एफआईएच प्रो लीग, स्पेन में चार देशों के टूर्नामेंट और फिर एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी से हम निश्चित तौर पर ऐसी स्थिति में रहेंगे जिससे हम सीधे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकते हैं।’’
फुल्टन भारतीय टीम की सफलता के प्रति आश्वस्त हैं।
उन्होंने कहा,‘‘ हमारी टीम सर्वश्रेष्ठ नहीं लेकिन बहुत अच्छी है। हमें कुछ क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है लेकिन इसके साथ ही हमारी टीम कड़ी चुनौती पेश करती है और इसलिए कई टीमें ऐसी हैं जो हम से खेलना पसंद नहीं करती हैं।’’

वह 26 मई से शुरू हो रहे एफआईएच प्रो लीग के यूरोप चरण के जरिये भारतीय टीम के साथ अपनी पारी का आगाज करेंगे। भारत को लंदन में बेल्जियम और ब्रिटेन से और नीदरलैंड में अर्जेंटीना और नीदरलैंड से खेलना है।
कोच ने कहा ,‘‘ भारत में हुए प्रो लीग के मैचों से हमें आत्मविश्वास मिला है। विश्व कप के बाद रणनीति कुछ बदली लेकिन मैं वहां नहीं था तो उस पर टिप्पणी नहीं कर सकता। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करके तोक्यो में कांस्य जीता लेकिन विश्व कप में उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं सकी। प्रो लीग और एशियाई चैम्पियंस ट्राफी जीतकर टीम फिर वापसी की राह पर है।

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