कोलकाता। पीड़ित पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारत के पूर्व मिडफील्डर मेहताब हुसैन बुधवार को शहर में विरोध मार्च से जुड़े जिसकी अगुआई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने की।
पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं जिन पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है।
ईस्ट बंगाल के पूर्व मिडफील्डर मेहताब ने पीटीआई से कहा, ‘‘जब यही खिलाड़ी ओलंपिक में पदक जीतते हैं तो प्रधानमंत्री के पास चाय पर उनकी मेजबानी करने और फोटो खिंचवाने का समय होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री पांच मिनट निकालकर उनकी बात सुन लेने तो कुश्ती का यह नाटक इस स्तर पर नहीं पहुंचता।’’
मंगलवार को पहलवान हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहुंचे और अपने पदक गंगा में विसर्जित करने की धमकी दी लेकिन बाद में खाप और किसान नेताओं ने उन्हें रोक दिया।
मेहताब ने कहा, ‘‘ध्यान रखिए पूरी दुनिया हमें देख रही है। इससे देश को शर्मसार होना पड़ रहा है। यहां तक कि आईओसी (अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति) और यूनाईटेड वर्ल्ड रेस्लिंग ने भी इस पर गौर किया है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘वे सभी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं जिन्होंने शीर्ष स्तर पर पदक जीते हैं। देश की छवि को नुकसान पहुंचा है।’’
मेहताब के साथ ईस्ट बंगाल के 20 पूर्व खिलाड़ी और अधिकारी भी विरोध रैली में शामिल हुए।
रैली हाजरा से शुरू हुई और रविंद्र सदन में संपन्न हुई। इसमें बंगाल ओलंपिक संघ, भारतीय फुटबॉल संघ (आईएफए), ईस्ट बंगाल, मोहन बागान और मोहम्मद स्पोर्टिंग क्लब सहित 36 संगठनों ने हिस्सा लिया।