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भारत औ पाकिस्तान के बीच एशियाक कप में खेले गए पहले मैच में खेल प्रशंसकों की उम्मीदों पर बारिश ने पानी फेर दिया और मैच रद्द हो गया। दोनों टीमों को पहले ही मुकाबले में एक-एक रन से संतुष्ट होना पड़ा। इस मैच के रद्द होने के बाद स्टेडियम में ही भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी एक दूसरे के साथ काफी मजाकिया अंदाज में बातचीत करते दिखे। दोनों टीमों के खिलाड़ी हंसी मजाक करते हुए दिखे।
भारतीय खिलाड़ियों को पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ इस तरह देखकर पूर्व दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर खुश नहीं है बल्कि खिलाड़ियों के इस व्यवहार पर वो भड़क गए है। मैच के बाद स्टार स्पोर्स्ट से बात करते हुए गंभी ने कहा कि दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों को दोस्ती को मैदान के बाहर तक ही सीमित रखना चाहिए। भारतीय टीम 140 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व कर रही है। ऐसे में स्टेडियम में चिर प्रतिद्वंदी टीम के खिलाड़ियों के साथ दोस्ती भरे अंदाज में रहना अच्छा नहीं है। दोस्ती, जज्बात सब मैदान के बाहर तक सीमित होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के लिए मैदान पर खेलते हैं तो दोस्ती को सीमा रेखा से बाहर रखना चाहिए। इस दौरान गेम पर फोकस रखना अधिक महत्वपूर्ण होना चाहिए। दोनों टीमों के खिलाड़ियों में मैच के दौरान आक्रामकत दिखनी चाहिए। मैदान में छह-सात घंटे विरोधियों के तौर पर खेलने के बाद दोस्ती को जारी रख सकते है। मगर मैदान के घंटे बेहद अहम होते है। खिलाड़ी सिर्फ टीम नहीं बल्कि देश का भी प्रतिनिधित्व करते है।
उन्होंने कहा कि विरोधी टीम के खिलाड़ियों की पीठ थपथपाते देखते है जबकि कुछ वर्षों पहले तक माहौल ऐसा नहीं था। ये कोई फ्रेंडली मुकाबला नहीं है जिसमें ये व्यवहार स्वीकार्य हो। ये उन मुकाबलों में से एक है जिसमें खिलाड़ी और टीम जब तक मैदान में है तब तक एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक होना जरुरी है। उन्होंने इस दौरान क्रिकेट स्लेजिंग पर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के बीच स्लेजिंग ठीक है। मगर इसे कभी भी व्यक्तिगत नहीं लेना चाहिए। इसे छींटाकशी कहा जा सकता है। मगर सीमा में रहना भी जरुरी है। इसमें किसी परिवार को शामिल नहीं करना चाहिए। हंसी मजाक तक ही इसका स्तर होना चाहिए।
उन्होंने कामरान अकमल को लेकर कहा कि मेरी और अकमल की दोस्ती काफी अच्छी रही है। हम मैदान पर विरोधीके तौर पर आक्रामक रहते थे मगर मैच के बाद खूब बातें होती थी। हम अच्छे दोस्त है। हाल ही में हमने एक घंटे तक एक दूसरे से बात भी की थी।