भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज गौतम गंभीर ने पान मसाला विज्ञापन करने पर कई भारतीय क्रिकेटरों की आलोचना की है। उन्होंने पान मसाला का विज्ञापन करने वाले खिलाड़ियों पर निशाना साधा है। इन खिलाड़ियों का नाम लिए बिना ही गौतम गंभीर ने कहा कि पैसे कमाने के कई अन्य तरीके भी है। मगर इस तरह का तरीका अपनाना काफी निराशाजनक है।
बता दें कि इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान सुनील गावस्कर, कपिल देव और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गज और पूर्व खिलाड़ियों को पान मसाला कंपनी द्वारा बनाई गई माउथ फ्रेशनर का एड करते हुए दिखाया गया था। गौरतलब है कि पान मसाला कंपनी माउथ फ्रेशनर के एड के जरिए अपने पान मसाले को प्रमोट कर रही है। वहीं कई युवाओं के आइडल होने के नाते खिलाड़ियों द्वारा इस तरह के प्रोडक्ट का विज्ञापन करना काफी निंदनीय बताया है।
गौतम गंभीर ने कहा कि देश का प्रतिनिधित्व कर चुके खिलाड़ियों को लाखों करोड़ों लोग, युवा और बच्चे फॉलो करते है। इन्हें अपना आइडल और रोल मॉडल मानते है। ऐसे में बिना विचार किए और सिर्फ पैसे कमाने के उद्देश्य से इस तरह के विज्ञापन करना युवाओं को गलत आदतों के लिए प्रेरित करना होता है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर को लेकर भी एक किस्सा साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पान मसाला का विज्ञापन करने के लिए 20 करोड़ रुपये का ऑफर भी ठुकरा दिया था। गौरतलब है कि भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर ने कभी किसी पान मसाले या ऐसे किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं किया है।
गौतम गंभीर ने कहा कि मैंने अपने जीवन में नहीं सोचा था कि कोई खिलाड़ी पान मसाले का विज्ञापन कर सकता है। इस तरह का कदम उठाना बेहद निराशाजनक है। युवाओं को अपना आदर्श सोच समझ कर चुनना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि खिलाड़ियों की पहचान उनके नाम से नहीं बल्कि काम से होती है। ऐसे में उनके द्वारा किया गया काम युवाओं और समाज पर लंबा असर छोड़ सकता है। इस तरह के कदम उठाने की जगह खिलाड़ियों में बड़ा चेक जाने देने का साहस होना चाहिए।
साझा किया व्यक्तिगत किस्सा
गौतम गंभीर ने बताया कि वर्ष 2018 के दौरान उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के तौर पर जब पद छोड़ा था तो उन्हें तीन करोड़ रुपये के बदले पान मसाले का विज्ञापन करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने सिद्धांतों के साथ समझौता ना करने का फैसला चुना था।