चिकित्सकों के परिवार से संबंध रखने वाली जर्मन महिला हॉकी टीम की डिफेंडर सेलिन ओरुज का चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना स्वाभाविक है और उन्होंने यह पेशा भी अपनाया लेकिन ओलंपिक में दूसरी बार देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा के कारण उन्होंने फिलहाल इससे ‘ब्रेक’ लिया है।
रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक जीतने वाली जर्मनी की टीम की सदस्य रही ओरुज बाल रोग विशेषज्ञ के रूप में चिकित्सा करियर बना रही हैं लेकिन फिलहाल उन्होंने खेल के क्षेत्र में अपना सपना पूरा करने के लिए कुछ समय के लिए ‘ब्रेक’ लिया है।
ओरुज की मां भी बाल रोग विशेषज्ञ हैं जबकि उनके पिता ईएनटी (कान, नाक और गला) विशेषज्ञ हैं। उनके भाई तिमुर ओरुज भी जर्मन पुरुष हॉकी टीम के सदस्य हैं।
महिला ओलंपिक क्वालीफायर में जर्मनी की चिली पर 3-0 से जीत के बाद ओरुज ने पीटीआई से कहा,,‘‘अभी मैं चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रही हूं। यह काफी आसान है क्योंकि मैं किसी क्लीनिक में काम नहीं कर रही हूं। इसलिए मैं सप्ताहांत में काम कर सकती हूं। ओलंपिक तक मैं हॉकी पर अपना ध्यान केंद्रित करूंगी लेकिन आखिर में मुझे हॉकी को छोड़कर एक पूर्णकालिक चिकित्सक के रूप में काम करना पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘जर्मनी में आपको चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाने के लिए सात साल तक पढ़ाई करनी होती है और फिर एक साल किसी अस्पताल में ‘प्रैक्टिस’ करनी होती है। इसके बाद आप पांच साल में विशेषज्ञ बनते हैं। मैं अभी बाल रोग विशेषज्ञ तथा बच्चों के कान, नाक और गले के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर रही हूं। इससे शुरुआत करना अच्छा है क्योंकि बच्चों को हमेशा इन चीजों से जुड़ी परेशानियां होती हैं।’’
ओरुज ने कहा,,‘‘विशेषज्ञता हासिल करने के लिए अभी मेरा पहला साल है और मुझे इसमें चार साल और बिताने होंगे। मैंने हाल में चिकित्सक की अपनी ‘थीसीस’ पूरी की। लेकिन मेरा ध्यान अभी हॉकी पर है और चिकित्सा क्षेत्र में अध्ययन पूरा करने के लिए मुझे थोड़ा समय चाहिए। मैं इसकी परवाह नहीं करती हूं क्योंकि ओलंपिक में भाग लेने का अपना महत्व है तथा इसके बाद मैं अपनी पूरी जिंदगी चिकित्सा क्षेत्र पर केंद्रित कर सकती हूं।’’
ओरुज ने जर्मनी की चिली के खिलाफ जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने टीम की तरफ से पहला गोल किया।