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नयी दिल्ली । भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने हरीश कुमार रेड्डी की अगुआई वाली भारतीय गोल्फ यूनियन (आईजीयू) को मान्यता दे दी है जबकि ब्रिजिंदर सिंह की अगुआई वाली दूसरी संस्था को अमान्य घोषित कर दिया है। आईओए अध्यक्ष पीटी उषा के हस्ताक्षर वाले सोमवार को जारी एक पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रेड्डी की अगुआई वाली संस्था को मान्यता देने से पहले ‘तथ्यों की समीक्षा’ और ‘प्रक्रियात्मक अनुपालन की जांच’ की थी। आईजीयू के नए पदाधिकारियों के चुनाव के लिए 15 दिसंबर को दो वार्षिक आम बैठक (एजीएम) आयोजित की गईं थी।
इनमें से एक इंडिया हैबिटेट सेंटर में हुई जिसमें ब्रिजिंदर को फिर से अध्यक्ष चुना गया। इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रामेश्वर मलिक को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया। दूसरी एजीएम ओलंपिक भवन में हुई जहां रेड्डी को अध्यक्ष चुना गया और न्यायमूर्ति ओपी गर्ग (सेवानिवृत्त) ने निर्वाचन अधिकारी की भूमिका निभाई। अपने पत्र में आईओए ने रेड्डी की अगुआई वाली संस्था को मान्यता देने के कारण बताते हुए कहा कि निर्वाचन अधिकारी न्यायमूर्ति गर्ग ने कभी इस्तीफा नहीं दिया जैसा कि आईजीयू के पिछले पदाधिकारियों ने आरोप लगाया था।
आईओए ने पत्र में कहा, ‘‘नयी दिल्ली में दो अलग-अलग स्थानों पर एक ही तिथि को आयोजित दो अलग-अलग एजीएम और चुनावों के दस्तावेजों के विस्तृत अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है कि निर्वाचन अधिकारी न्यायमूर्ति ओपी गर्ग (सेवानिवृत्त) द्वारा आयोजित एजीएम और चुनाव कई कारणों से वैध हैं और उनमें से कुछ हैं कि शुरू में आधिकारिक तौर पर नियुक्त निर्वाचन अधिकारी ने कभी इस्तीफा नहीं दिया था जैसा कि आईजीयू ने आरोप लगाया है और इस प्रकार आईजीयू द्वारा अधिसूचित चुनाव कराने के लिए वही सक्षम व्यक्ति थे।