खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव पीके झा का मानना है कि भारत में खेलों के विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अब भी काफी गुंजाइश है।
खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव (विकास) ने मंगलवार को फिक्की के कार्यक्रम में कहा, ‘‘खेल विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए बहुत सुधार और गुंजाइश है। फिलहाल खेल में ज्यादातर चीजें सरकार द्वारा समर्थित हैं और निजी क्षेत्र को कदम बढ़ाने की जरूरत है। वे मदद के लिए खेल विकास को भी अपना सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह जमीनी स्तर के विकास के लिए सीएसआर समर्थन का आधार हो सकता है। वर्तमान में प्रमुख पहलू जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है वह प्रतिभा की पहचान और जमीनी स्तर पर प्रतिभा खोज है।’’
भारत के पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान में बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति के सदस्य अशोक मल्होत्रा ने कहा कि कोई भी भारतीय क्रिकेट बोर्ड से सीख सकता है कि अन्य खेलों को लोकप्रिय और आर्थिक रूप से स्वस्थ कैसे बनाया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘बीसीसीआई से सीख लेनी चाहिए कि वे किस तरह से खेल का विपणन करते हैं। आईपीएल ने अच्छा प्रदर्शन क्यों किया है, क्योंकि इसकी अच्छी मार्केटिंग की गई है और हर किसी को ऐसा करने की जरूरत है। हमारे देश में ऐसी कई निजी कंपनियां हैं जो खेल का समर्थन करती हैं या ओडिशा जैसी राज्य सरकारें भी।