वेस्टइंडीज क्रिकेट के 1970 और 1980 के दशक के सुनहरे दौर का हिस्सा रहे गॉर्डन ग्रीनिज अभी भी ‘केवल टेस्ट’ देखते हैं क्योंकि वह अभी तक टी20 प्रारूप के लिए तैयार नहीं हैं।
राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे 71 वर्षीय ग्रीनिज दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल तीन से दिल्ली मेट्रो से फिरोजशाह कोटला पहुंचे। एक प्रचार कार्यक्रम के लिए ग्रीनिज को आमंत्रित करने वाली बैट निर्माता कंपनी ने एक राजनीतिक कार्यक्रम के कारण भारी यातायात को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम बनाया।
कोई भी शर्त लगा सकता है कि मेट्रो में शायद ही किसी ने उस आदमी को पहचाना होगा जिसके स्क्वायर कट सबसे तेजतर्रार होते थे और आज भी समकालीन खिलाड़ी उन्हें याद करते हैं।
ग्रीनिज ने मीडिया से कहा, ‘‘मैं टी20 की आलोचना नहीं कर रहा लेकिन यह मेरा खेल नहीं है। हां, यह यहां है और यहां रहेगा। यह रोमांचक है और इसमें मजा भी है। जब आप किसी खेल में जाते हैं, तो आप आनंद लेना चाहते हैं। हां, यह देखना अच्छा है लेकिन यह ऐसा मुकाबला नहीं है जिसे मैं नियमित रूप से देखता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं टेस्ट मैच का व्यक्ति हूं और मैं हमेशा से ऐसा रहा हूं। इसलिए यह आलोचना नहीं है, बल्कि यह मेरा व्यक्तिगत विचार है।’’
ग्रीनिज ने 19 टेस्ट शतक सहित कुल 30 अंतरराष्ट्रीय शतक लगाए। उन्होंने कहा कि टी20 विशुद्ध रूप से ‘दर्शकों का खेल’ है, न कि किसी क्रिकेटर का।
तो क्या समय बीतने के साथ वनडे कम प्रासंगिक हो जाएगा यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो व्यक्तिगत रूप से मैं नहीं चाहता कि 50 ओवरों की जगह टी20 क्रिकेट ले। मेरा मानना है कि टी20 विशुद्ध रूप से दर्शकों का खेल है, न कि किसी क्रिकेटर का खेल। मेरे लिए यह फास्ट फूड की तरह है। टेस्ट मैच ही असली क्रिकेट है। 50 ओवर बीच में है, 20 ओवर और अब 10 ओवर हो गए हैं।’’
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘आप यहां से कहां जा रहे हैं। दो ओवर, एक ओवर?’’
वेस्टइंडीज क्रिकेट में लगातार गिरावट के पीटीआई के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया, ‘‘यह मुझे चोट पहुंचाता था लेकिन यह अब मुझे चोट नहीं पहुंचाता है क्योंकि मैं अब क्रिकेट नहीं देखता। केवल अगर यह टेस्ट क्रिकेट है या कोई युवा खिलाड़ी है जिसके बारे में मैंने सुना है, जिसके बारे में बात की जा रही है, तो मैं जानने की कोशिश करूंगा। मैं अकेला उस खिलाड़ी को देखूंगा और अपना फैसला करूंगा। लेकिन मैं आमतौर पर मैदान में जाकर क्रिकेट नहीं देखता, खासकर टी20।’’
गेंदबाजी छोर पर गेंद फेंके जाने से पहले बल्लेबाज के क्रीज से आगे निकलने पर उसे रन आउट करने के संदर्भ में ग्रीनिज ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘‘मुझे लगता है कि एक बल्लेबाज के लिए (इस तरह से) अपना विकेट गंवाना सुखद तरीका नहीं है।