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पाकिस्तान के टी20 वर्ल्ड कप 2024 से जल्दी बाहर होने के लिए टीम के भीतर गुटबाजी और अहम पलों में वरिष्ठ खिलाड़ियों के खराब प्रदर्श को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस लचर प्रदर्शन के बाद टीम के साथ ही पीसीबी में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, कप्तान के रूप में वापसी पर बाबर आजम के सामने सबसे बड़ी चुनौती टीम को एकजुट करने की थी लेकिन गुटबाजी के कारण वह ऐसा करने में नाकामयाब रहे।
शाहीन अफरीदी कप्तानी गंवाने और बाबर द्वारा जरूरत पड़ने पर उनका समर्थन नहीं करने से नाराज हैं। जबकि मोहम्मद रिजवान कप्तान के लिए विचार नहीं किए जाने से नाखुश हैं। टीम के सूत्र ने पीटीआई भाषा से कहा कि, टीम में तीन गुट हैं, एक का नेतृत्व बाबर आजम कर रहे हैं तो वहीं दूसरे खेमें की अगुवाई अफरीदी और तीसरे की रिजवान कर रहे हैं। इस सब के बीच मोहम्मद आमिर और इमाद वसीम जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों की वापसी से टीम की स्थिति और खराब हो गई है।
उन्होंने कहा कि, इमाद और आमिर की वापसी ने भ्रम बढ़ा दिया क्योंकि बाबर के लिए इन दोनों से कोई सार्थक प्रदर्शन प्राप्त करना मुश्किल था। इन दोनों ने फ्रेंचाइजी आधारित लीगों को छोड़कर लंबे समय से टॉप स्तर की घरेलू या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला था। सूत्र ने कहा कि, ऐसे भी उदाहरण थे जहां कुछ खिलाड़ी एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे थे और उनमें से कुछ ने टीम के तीनों खेलों की अगुवाई कर रहे खिलाड़ियों को खुश करने की भी कोशिश की।
पीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अध्यक्ष मोहसिन नकवी को वर्ल्ड कप से पहले ही टीम की समस्याओं के बारे में अच्छी तरह से पता था। उनके करीबी और राष्ट्रीय चयनकर्ता वहाब रियाज ने उन्हें जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि, नकवी ने सभी खिलाड़ियों के साथ अकेले में दो बैठकें की और निजी हितों की जगह वर्ल्ड कप जीतने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा था। उन्होंने उन्हें वर्ल्ड कप के बाद टीम में सभी गलतफहमियों को दूर करने का वादा भी किया था लेकिन बात नहीं बनीं।
सूत्र ने आगे कहा कि, मैं बाबर आजम का बचाव नहीं कर रहा हूं। लेकिन एक कप्तान को क्या करना चाहिए जब आपका प्रमुख गेंदबाज कमजोर अमेरिका टीम के खिलाफ अंतिम ओवर में 15 रनों का भी बचाव नहीं कर सकता और फुट टॉस पर एक चौक और 6 रन दे देता है। उन्होंने कहा कि, संन्यास से वापसी करने वाले एक हरफनमौला को फिटनेस संबंधी समस्या के कारण टीम से बाहर बैठना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इन सब चीजों के बीच खिलाड़ियों के एजेंटों और सोशल मीडिया अभियान चलाने वाले कुछ पूर्व खिलाड़ियों सहित बाहरी तत्वों की भूमिका ने भी टीम में तनाव को और बढ़ाने का काम किया है।