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हार्दिक ‘बेखौफ रवैया’ जारी रखने के साथ विश्व कप जीतना चाहते है

भारत के नये टी20 कप्तान हार्दिक पांड्या के लिए विश्व चैंपियनशिप जीतने से बड़ा ‘नये साल का कोई और संकल्प’ नहीं हो सकता है और वह चाहते है कि उनकी टीम के खिलाड़ी बेखौफ क्रिकेट खेलने के अपने रवैये से कभी पीछे नहीं हटे।
माना जा रहा है कि हार्दिक 2024 टी20 विश्व कप भी भारत की अगुवाई करेंगे और इसके तहत उन्हें इस प्रारूप की अभी से जिम्मेदारी दे दी गयी है। हार्दिक का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में पिछले टी20 विश्व कप के दौरान टीम को रक्षात्मक रवैये का खामियाजा उठाना पड़ा।

श्रीलंका के खिलाफ तीन मैचों की टी20 श्रृंखला की पूर्व संध्या पर हार्दिक ने कहा, ‘‘सबसे बड़ा संकल्प विश्व कप जीतना है। मुझे नहीं लगता कि इससे बड़ा कोई संकल्प हो सकता है। वास्तव में विश्व कप जीतना चाहता हूं, जिसे हम अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव करने की कोशिश करेंगे। हम वहां जाकर अपना सब कुछ झोंक देंगे। मुझे लगता है कि चीजें बेहतर दिख रही हैं और उम्मीद है कि यह होगा।’’
हार्दिक ने माना की ऑस्ट्रेलिया में पिछले टी20 विश्व कप में टीम को रक्षात्मक रवैये का खामियाजा भुगतना पड़ा था।


उन्होंने कहा, ‘‘ विश्व कप से पहले मुझे नहीं लगता कि हमने कुछ गलत किया। हमारा खाका, हमारा रवैया, हमारा सब कुछ एक जैसा था। विश्व कप में चीजें वैसी नहीं हुईं जैसा हम चाहते थे और मुझे लगता है कि हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल वैसा नहीं था जैसा कि विश्व कप से पहले था।’’
उन्होंने खिलाड़ियों को खुल कर खेलने का सुझाव देते हुए कहा कि वह टीम के हर खिलाड़ी का पूरा समर्थन करेगे।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं चाहता हूं कि खिलाड़ी बेखौफ होकर खुद अभिव्यक्त करे।  यह हमारे ऊपर है कि हम उनका समर्थन कैसे करते हैं। हमने यह कहा है कि हम आपका पूरा साथ देगें। मै अपनी तरफ से सभी खिलाड़ियों का पूरा साथ दूंगा। मुझे उन्हें यह विश्वास दिलाना है।’’


हार्दिक को पता है कि एकदिवसीय विश्व कप के कारण इस साल भारतीय टीम ज्यादा टी20 मैच नहीं खेलेगी लेकिन श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ इस प्रारूप के छह मैचों में वह युवा खिलाड़ियों को पूरा मौका देना चाहते है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम एक निश्चित तरीके से खेलना चाह रहे हैं, जो हम करेंगे। आईपीएल से पहले सिर्फ छह मैच  हैं। इसलिए हमारे पास बहुत सी चीजें करने के लिए ज्यादा समय नहीं है। लेकिन, आगे चलकर हम नयी योजनाएं बनाते रहेंगे और देखेंगे कि कौन सी योजनाएं सही हैं और कौन सी हमारे लिए काम कर रही हैं। हम सुनिश्चित करें कि सभी को पर्याप्त अवसर मिले।

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