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खेल के मैदान पर कहीं बार ऐसे लम्हे देखने को मिलते हैं जो इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो जाते हैं। खेल के मैदान पर खिलाड़ियों से लेकर संसद तक के बीच कई तरह की इमोशंस देखने को मिलते हैं जो कई उधर चढ़ाव से युक्त होते हैं। मैदान से समय-समय पर कई ऐसे फोटोस और वीडियो वायरल होते रहते हैं जिसमें खिलाड़ियों के कभी खुशी के तो कभी गम की इमोशंस वायरल होती रहे हैं। कभी कोई जीतने वाला खिलाड़ी खुशी मनाता दिखता है तो हारने वाला खिलाड़ी गम में डूबा हुआ नजर आता है। ऐसा ही कुछ हाल ही में एशियन गेम्स के दौरान बैडमिंटन के एकल के क्वार्टर फाइनल मैच में देखने को मिला।
भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने क्वार्टर फाइनल मैच में मलेशिया के लिए झिझिया को तीन घंटे तक चल धमाकेदार मैच में हरा दिया। इस बेहद रोमांचक मैच में जैसे ही एचएस प्रनॉय ने विरोधी को हराया तो बैडमिंटन कोर्ट में जश्न देखते ही बन रहा था। मैच में जीत हासिल करने के बाद एचएस प्रणय ने अपनी टीशर्ट निकाल कर फेंक दी। जैसे ही इन्होंने यह कदम उठाया वैसे ही लोगों को सौरव गांगुली की याद आ गई। जीत के बाद कोर्ट के दाएं और खड़े अपने कोच गोपीचंद के पास एचएस प्रणय खुशी से झुकते हुए पहुंचे। गुरु और शिष्य के बीच जीत के बाद बेहद खास अंदाज में जीत का जश्न मना। लैला गोपीचंद हिंदी स रानी को अपने गले से लगा लिया और खुशी से उनकी आंखों से आंसू छलक आए।
बता दें कि एचएस प्रणय ने 5 अक्टूबर को इतिहास रचते हुए 1982 के बाद से एशियाई खेलों में पहला पदक हासिल किया है जो उन्हें बैडमिंटन पुरुष एकल श्रेणी में मिला है। भारत के लिए पदक बेहद खास और ऐतिहासिक है। प्रणय ने इस मेडल को 78 मिनट तक चले क्वाटरफाइनल मुकाबले में जीत हासिल कर जीता है। बता दें कि एचएस प्रणय पूरे मैच के दौरान चोट से जूझते रहे। वही नॉकआउट गेम भी उनके लिए बेहद उतार-चढ़ाव से भरपूर रहा। बता दें कि इस मैच में पुराने ने 5-11 से पहले मैं सेट को गंवा दिया था लेकिन उन्होंने इसी सेट में जोरदार वापसी करते हुए पहला गेम जीता।
दूसरे गेम में विपक्षी प्रतिद्वंदी ने जीत हासिल की। तीसरा गेम बेहद रोमांचक रहा जिसमें दोनों खिलाड़ियों के बीच एक एक पॉइंट के लिए भी दमदार भिड़ंत देखने को मिली। अंत में मुकाबले में जीत हासिल करने में प्रणय ने सफलता पाई। बता दें कि इस जीत को हासिल करने के बाद प्रणय की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था।
सेमीफाइनल में हारे प्रणय
भारत के स्टार खिलाड़ी एचएस प्रणय को गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा और शुक्रवार को यहां गत ऑल इंग्लैंड चैंपियन चीन के ली शीफेंग के खिलाफ पुरुष एकल सेमीफाइनल में सीधे गेम में हार के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। कमर में हल्की चोट के साथ खेल रहे दुनिया के सातवें नंबर के भारतीय खिलाड़ी को काफी सहज गलतियां करने के कारण दुनिया के आठवें नंबर के खिलाड़ी ली के खिलाफ 51 मिनट में 16-21, 9-21 से हार झेलनी पड़ी। नयी दिल्ली 1982 में सैयद मोदी के कांस्य पदक के बाद पुरुष एकल में यह भारत का 41 साल बाद पहला पदक है।
प्रणय पिछले हफ्ते रजत पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष टीम का भी हिस्सा थे। तिरुवनंतपुरम के 31 साल के प्रणय ने चीन के खिलाड़ी को शुरुआत में अच्छी टक्कर दी। काफी गलतियां करने के कारण पहले गेम के बीच में हालांकि वह पिछड़ गए। उन्होंने अंक जुटाने के प्रयास में कई शॉट बाहर मारे। प्रणय ने 3-1 की बढ़त बनाई लेकिन ली ने 5-5 पर स्कोर बराबर कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने स्मैश के साथ स्कोर 8-5 किया लेकिन चीन का खिलाड़ी उनकी गलतियों का फायदा उठाकर 10-10 पर बराबरी हासिल करने में सफल रहा। ब्रेक के समय प्रणय ने 11-10 की मामूली बढ़त बना रखी थी। प्रणय ने स्कोर 13-11 किया लेकिन इसके बाद उनकी गलतियों ने ली को वापसी का मौका दिया। ली ने जल्द ही 17-14 की बढ़त बनाई जिसे उन्होंने 19-15 तक पहुंचाया।
चीन के खिलाड़ी ने नेट पर अंक के साथ चार गेम प्वाइंट हासिल किए और फिर एक और नेट अंक के साथ पहला गेम जीत लिया। दूसरे गेम में प्रणय शुरुआत में ही पिछड़ गए। चीन के खिलाड़ी ने 8-4 की बढ़त बनाई और फिर ब्रेक तक 11-6 से आगे था। प्रणय अपनी गलतियों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे थे जिससे ली को आसानी से अंक मिल रहे थे। चीन के खिलाड़ी ने 19-9 की बढ़त बनाई। उन्होंने लाइन पर रिटर्न के साथ 11 मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर गेम और मैच जीत लिया। प्रणय ने स्वीकार किया कि फिटनेस का शीर्ष स्तर हासिल नहीं कर पाना उनकी हार का एक कारण रहा। यह 31 वर्षीय खिलाड़ी यहां अधिकांश मैच कमर में पट्टी (टेप) लगाकर खेला।