बुधवार को भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने संकेत दिया कि चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे दिग्गजों का टेस्ट कैरियर लगभग खत्म माना जा सकता है। क्योंकि फोकस युवाओं को अधिक मौके देने पर है।
इंग्लैंड के खिलाफ पहले दो टेस्ट में विराट कोहली के बाहर रहने के फैसले के बाद संभावना जताई जा रही थी कि पुजारा या रहाणे को मौका दिया जायेगा लेकिन अजित अगरकर की अध्यक्षता वाली चयन समिति पीछे मुड़कर देखने के मूड में नहीं है।
कोहली की जगह रजत पाटीदार को मौका दिया गया।
रोहित ने पहले टेस्ट से पूर्व इस फैसले के बारे में कहा ,‘‘ हमने सीनियर खिलाड़ियों को लाने के बारे में सोचा लेकिन फिर युवा खिलाड़ियों को मौके कब मिलेंगे। हमने इस बारे में भी सोचा।’’
उन्होंने हालांकि कहा कि सीनियर खिलाड़ियों को बाहर रखने का फैसला आसान नहीं था।
रहाणे ने आखिरी बार भारत के लिये 2023 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में खेला था जबकि पुजारा को आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बाद बाहर किया गया।
रोहित ने कहा कि, सीनियर खिलाड़ियों को बाहर करने का फैसला आसान नहीं होता। उन्होंने इतने रन बनाये हैं, इतने मैच जिताये हैं और उनके पास इतना अनुभव है कि उसे अनदेखा करना मुश्किल होता है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ लेकिन कई बार आपको नये खिलाड़ियों को मौका देना होता है। उन्हें अनुकूल हालात में मौका देने के बाद ही विदेशी सरजमीं पर उतारा जाना चाहिये। मुझे लगता है कि युवाओं को मौके देना महत्वपूर्ण है।’’
पाटीदार ने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ अहमदाबाद में अनधिकृत टेस्ट में भारत ए के लिये 151 रन बनाये और दो दिवसीय अभ्यास मैच में 111 रन की पारी खेली। घरेलू क्रिकेट में भी उन्होंने काफी रन बनाये हैं।
रोहित ने यह भी कहा कि, किसी के लिये दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। फिट रहने और रन बनाने पर किसी को भी मौका मिल सकता है।’’
निश्चित तौर पर टीम प्रबंधन के जेहन में अनुभवी खिलाड़ियों की उम्र भी होगी। रोहित (36), कोहली (35) , आर अश्विन (37) और रविंद्र जडेजा (35) कैरियर के आखिरी पड़ाव पर हैं।